डल में शाही स्नान के लिए निकलीं छडिय़ां, दो दिन से बंद चौपर ने भी भरी उड़ान
मणि और महेश के दर्शनों के लिए चल रही ऐतिहासिक मणिमहेश यात्रा के बड़े न्हौण के लिए पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से आई छडिय़ों के साथ भोले के सैकड़ों भक्त चौरासी परिक्रमा के बाद पवित्र डल की ओर रवाना हो गए। भद्रवाह से आए शिव भक्तों ने घंटों चौरासी परिसर में पारंपरिक नृत्य किया। उधर, चौरासी मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद दशनाम छड़ी भी शुक्रवार सवेरे रवाना हो गई । 16 सितंबर दोपहर बाद पर्वी आरंभ होगी और इस दौरान डल में होने वाले शाही स्नान के लिए भारी तादाद में पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से शिवभक्त भरमौर पहुंच गए हैं। पिछले दो दिनों से हेलिपैड पर डेरा जमाने के साथ-साथ इन शिव भक्तों ने भरमाणी माता मंदिर के दरबार में हाजिरी भरी। इसके बाद पवित्र छडिय़ों के साथ चौरासी मंदिर परिसर पहुंचे।
उधर, गौरीकुंड के लिए चौपर ने भी शुक्रवार को 103 उड़ानें भरीं हैं। भद्रवाह से पहुंचे भक्तों के जत्थे डल की ओर निकलते ही अब हेली टेक्सी सेवा भी आरंभ हो गई है। हेलीटेक्सी सेवा के आरंभ होने से पवित्र डल में डुबकी लगाने के इंतजार में बैठे बाहरी प्रदेशों के श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली है। भद्रवाह से मणिमहेश यात्रा पर आए भक्तों की भरमौर स्थित हेलिपैड पर ही ठहरने की सदियों से परंपरा चली आ रही है। यात्रा के दौरान इस जगह पर भद्रवाहियों का पुश्तैनी अधिकार होता है और उनके यहां दस्तक देते ही हवाई सेवाएं बंद पड़ गई थीं। एडीएम पीपी सिंह का कहना है कि पिछले दो दिनों से बंद हेलीटैक्सी सेवा शुक्रवार से आरंभ हो गई है। उधर, शाही न्हौण पर जाने की अनुमति लेने का दौर शिव मंदिर के प्रांगण में जारी रहा। राधाष्टमी पर होने वाले पवित्र स्नान के लिए आने वाले भक्तों के कारण आजकल सही मायनों में भरमौर शिवनगरी बना हुआ है।
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