नशे के खिलाफ मिलकर लड़ें जंग

By: Sep 15th, 2018 12:02 am

मुख्यमंत्री बोले, पड़ोसी राज्यों के साथ छेड़े जाएंगे संयुक्त निरीक्षण अभियान

शिमला— मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हिमाचल प्रदेश में नशाखोरी से सख्ती से निपटने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा। शुक्रवार को यहां नशीले पदार्र्थों की समस्या के संबंध में आयोजित बैठक में सीएम ने कहा कि नशीले पदार्थों का प्रयोग एक वैश्विक समस्या के रूप में उभरा है और हमारा देश व प्रदेश भी इससे अछूते नहीं हैं। हाल ही में उनकी पहल पर चंडीगढ़ में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस सामाजिक समस्या पर अंकुश के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए चार पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा तीन अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि पुलिस बलों द्वारा हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में संयुक्त निरीक्षण किए जाएंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि पुलिस को उन क्षेत्रों में नियमित छापेमारी करनी चाहिए, जहां से नशीले पदार्थों की आपूर्ति की संभावना अधिक हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, सूचना एवं जनसंपर्क तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता जैसे विभागों को इस बुराई पर नियंत्रण के लिए बड़े पैमाने पर सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए कि राज्य में जिन दवाओं को प्रतिबंधित किया गया है उनकी आपूर्ति और बिक्री को लेकर नियमित तौर पर निरीक्षण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में प्रात:कालीन सभाओं के दौरान भी मादक द्रव्यों के दुष्परिणामों के बारे में बच्चों को जागरूक किया जा सकता है। इसी प्रकार महाविद्यालयों में पढऩे वाले उन विद्यार्थियों को पहचानने के लिए अभियान शुरू किया जा सकता है, जो नशे के चंगुल में फंस चुके हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह बीके अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर भांग की खेती को उखाडऩे के लिए व्यापक अभियान छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला उपन्यायवादी और अतिरिक्त जिला न्यायवादी को दवा निरीक्षकों की ओर से मादक द्रव्यों से जुड़े मामले सामने लाने चाहिएं, क्योंकि दवा निरीक्षक अपने मामलों के अभियोजन में व्यस्त रहते हैं। मुख्य सचिव विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, मनीषा नंदा व निशा सिंह, प्रधान सचिव आरडी धीमान एवं संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव डा. आरएन बत्ता, डा. अरुण कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी और निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क अनुपम कश्यप सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

नशे के सौदागरों पर कसेगा शिकंजा

मंडी – नशे के खात्मे को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा शुरू किए गए प्रयास के बाद इस मसले में हिमाचल पुलिस भी विशेष प्रयास करने जा रही है। इसके तहत हिमाचल प्रदेश पुलिस इंटर स्टेट आपरेशन कर चिट्टा के सौदागरों और नशेडिय़ों पर शिकंजा कसेगी। इसमें तहत कांगड़ा और पठानकोट, नाहन-पंचकूला, बद्दी आदि क्षेत्रों में संयुक्त अभियान चलाए जा रहे हैं। इस बात की जानकारी मंडी पहुंचे पुलिस महानिदेशक हिमाचल प्रदेश एसआर मरडी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। उन्होंने बताया कि हाल में पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की चंडीगढ़ में बैठक आयोजित की गई। इसमें यह तय किया गया कि इस बारे संयुक्त रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने शुक्रवार को मंडी में सेंट्रल जोन की एसएचओ कान्फ्रेंस की अध्यक्षता की, जिसमें सेंटर जोन के जिलों मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर और लाहुल एवं स्पीति के सभी थानों के एसएचओ, डीएसपी और एसपी ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि हिमाचल द्रदेश में हर साल 120 से लेकर 130 हत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं। इस साल भी अगस्त माह तक प्रदेश में हत्या के 71 मामले आ चुके हैं, लेकिन इन मामलों को सुलझाने का प्रतिशत बढ़ गया है। अब तक 92 प्रतिशत मामले सुलझाए गए हैं। हर थाने में नशा निवारण समिति का गठन किया गया है, जिनके सहयोग से समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे मामलों में पुलिस को सूचना देने वालों का नाम किसी भी सूरत में उजागर नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर आईजी सेंट्रल जोन कपिल शर्मा और एसपी मंडी गुरदेव शर्मा भी मौजूद थे।


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