नाना-नानी करेंगे दोहती की परवरिश   

अंब—कहते हैं कि खून का रिश्ते का जीवन में अहम स्थान है, लेकिन अभी भी इस तरह के कई ऐसे लोग हैं जो इस रिश्ते को नहीं निभा पा रहे हैं। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अपने घर में सही पालन पोषण नहीं होने के कारण अब छह वर्ष की नन्हीं बेटी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उसके नाना-नानी निभाएंगी। जबकि यह जिम्मेदारी दादा-दादी की बनती थी। वहीं, इस नन्हीं बेटी का पिता भी अपनी इस जिम्मेदारी से मुहं मोड़ गया है। अंब विकास खंड के तहत गांव नंदपुर में छह वर्षीय नन्हीं बेटी को अभी तक स्कूली शिक्षा भी नहीं मिल पाई है। बताया जा रहा है कि यह नन्हीं बेटी जब तीन वर्ष की थी तो इसकी मां का निधन हो गया। बाद में पिता ने दूसरी शादी कर ली। वहीं, इस बेटी के पालन पोषण की जिम्मेदारी दादा-दादी ने उठाई। एक ओर जहां इस नन्हीं बेटी को सौतेली मां मिली। वहीं, किस्मत से उसकी दादी भी सौतेली ही थी। इसके चलते न ही दूसरी मां और न ही इस बेटी की दादी ने इसे अपनी जिम्मेदारी समझी। वहीं, यह बेटी स्कूल भी नहीं जा पाई। हालांकि पिछले करीब तीन साल से यह बेटी अपने दादा-दादी के पास थी, लेकिन किसी ने इस बेटी के स्कूल भी नहीं भेजे जाने के बारे में इस बेटी के नाना-नानी को बताया। इसके अलावा इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को भी दी गई। इसके चलते पुलिस ने हस्तक्षेप कर इस बेटी को दादा-दादी से लेकर उसके नाना-नानी को सौंपा है, ताकि इस बेटी की परवरिश के साथ ही सही शिक्षा मिल सके। इस तरह का वाकया होने के चलते क्षेत्र में भी चर्चा बनी हुई है। यदि इस तरह की लोग अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ें तो इस तरह के बच्चों का भविष्य कैसा होगा। जबकि इनसान को इस तरह की जिम्मेदारियों को एक अहम जिम्मेदारी समझना चाहिए, ताकि अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिले। बहरहाल, इस छह वर्षीय नन्हीं बेटी का भविष्य अब दादा-दादी नहीं बल्कि नाना-नानी तय करेंगे। उधर, इस बारे में डीएसपी अंब मनोज जम्वाल ने कहा कि नन्हीं बेटी को दादा-दादी से लेकर नाना-नानी को सौंपा गया है।