पराली प्रबंधन पर मुआवजे को पत्र

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने की पीएम नरेंद्र मोदी से मांग

चंडीगढ़ – पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री  मोदी को एक पत्र लिखकर धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपए प्रति क्ंिवटल के हिसाब से मुआवजा देने की अपनी मांग फिर दोहराई है। प्रधानमंत्री को लिखे एक अर्ध सरकारी पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह मुआवजा सिर्फ  उन्ही किसानों को ही दिया जाना चाहिए, जो पराली को नहीं जलाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पराली को बिल्कुल भी न जलाने का लक्ष्य प्राप्त करना न केवल एक बहुत बड़ा कार्य है बल्कि यह किसानों के ऊपर अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी डालता है। उन्होंने कहा कि सख्त कदम उठाए जाने के बावजूद राज्य में वार्षिक तकरीबन 15 मिलियन टन पराली जलाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फसलों के अवशेषों के निपटारे के लिए सबसिडी पर साजो-समान मुहैया कराया जा रहा है। इसके अलावा फसली अवशेष के प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत तौर पर किसान और कस्टम हायर सेंटरों को साजो-समान मुहैया कराने के लिए बड़े स्तर पर निवेश किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई मशीनों से किसानों पर प्रति एकड़ 2500 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है, जो कि उनके लिए सहन योग्य नहीं है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपने पत्र में कहा कि पराली को बिल्कुल भी न जलाए जाने के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इन मशीनों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने के लिए और प्रबंधन की अतिरिक्त लागत से निपटने के लिए मुआवजा दिए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बार-बार विनती करने के बावजूद केंद्र ने फसलों के अवशेष के प्रबंधन के लिए किसानों को मुआवजा देने संबंधी अभी तक कोई फैसला नहीं लिया।