पांवटा में मुद्रिका बसें चलाने की मांग

पांवटा साहिब— पांवटा साहिब गुरु की नगरी जिस गति से दिन प्रतिदिन विकसित हो रही है उस हिसाब से यहां पर सरकारी सुविधाओं की कमी खलती जा रही है। इसी में ट्रांसपोर्ट की एक लोकल समस्या भी उठकर सामने आ रही है। इस समस्या पर नगर के बुद्धिजीवी वर्ग ने संज्ञान लेते हुए नगर में कम से कम चार मुद्रिका बसें चलाने की मांग की है। जारी प्रेस बयान में सिरमौर नागरिक कल्याण समिति के चेयरमैन आरएम रमौल, सिरमौर उपभोक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष एमएस कैंथ, पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान डा. विपन कालिया, राजकीय सेवानिवृत्त अध्यापक संघ पांवटा इकाई के प्रधान श्याम चंद शर्मा, गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब की प्रबंधक समिति के उपप्रधान जत्थेदार सरदार हरभजन सिंह, प्रबंधक सरदार कुलवंत सिंह चौधरी, साहित्ययिक संस्था के प्रधान नरेंद्र रमौल समेत पांवटा के बुद्धिजीवी वर्ग में अजय शर्मा, सुंदर लाल मेहता, एनएन खतरी, समीर शर्मा, बीपी भारद्वाज, डा. आरएस परमार आदि ने बताया कि पांवटा साहिब नगर के लिए आसपास के गांवों से प्रतिदिन हजारों लोग नौकरी व अन्य कार्य से पांवटा पहुंचते हैं। उन्हें यातायात की सुविधा के लिए निजी बसों और ऑटो में धक्के खाने पड़ते हैं। ऐसे में यदि उन्हें मुद्रिका बसों की सुविधा मिल जाए तो उनकी परेशानी कुछ कम हो सकती है। इनका कहना है कि सरकार को पांवटा नगर के विकास के लिहाज से पांवटा साहिब से नाहन रोड पर कोलर तक दो मुद्रिका बसें और पांवटा साहिब से पुरुवाला-बांगरण तक एक मुद्रिका बस तथा एक मुद्रिका बस पांवटा से राजबन-सतौन तक चलानी चाहिए। यह दोनों रूट करीब 20 किलोमीटर के दायरे को कवर करेगा और आसपास के क्षेत्रों से पांवटा साहिब आने वाले लोगों और फैक्ट्रियों में कार्य करने वालों को सुविधा मिलेगी। गौर हो कि पांवटा साहिब के कई उद्योगों के ठेकेदारों के माध्यम से कार्य करने वाले कामगारों को शाम को छुट्टी के समय आवागमन की सुविधा नहीं मिल पाती है। इसमें महिला वर्कर भी शामिल होती है। ऐसे में सरकार व परिवहन निगम को उपयुक्त समयसारिणी के मुताबिक मुद्रिका बसों की सेवा शुरू कर लोगों को राहत देनी चाहिए। उधर, इस बारे पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर से उन्होंने इस सेवा के बारे में बातचीत की थी। वह इस सेवा के लिए शिमला में जाकर भी आगामी प्रक्रिया पूरी करवाएंगे, ताकि जल्दी से पांवटा को मुद्रिका बसों की सुविधा मिल सके।