बच्चों के नाम गैर हिमाचलियों को जमीन ‘रांग डिसीजन’

ददाहू, श्रीरेणुकाजी —बच्चों के नाम गैर हिमाचली अधिकारी और कर्मचारी जमीन ले सकेंगे की प्रकाशित खबर के प्रदेश सरकार के निर्णय को खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। समाचार पत्रों की इस खबर की क्लिपिंग को सोशल मीडिया और फेसबुक पर अपलोड करने के बाद समस्त हिमाचल से इसके विरुद्ध कमेंट आ रहे हैं तथा हिमाचल सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय को हिमाचल के लोगों के हितों के लिए ठीक नहीं बताया गया है। गौर हो कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश मुजरिल एवं भू-सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत एक्ट में संशोधन किया है कि गैर हिमाचली एवं कर्मचारी किसी कारणवश स्वयं आवास हेतु भूमि लेने के योग्य नहीं हैं तो वह अपने बच्चों के नाम भूमि आवास हेतु ले सकता है, मगर इसमें भी सरकार की परमिशन लेनी होगी, जबकि निर्णय में कर्मचारी की 30 वर्ष प्रदेश में कार्य सेवा का प्रमाण पत्र भी नहीं देने की राहत दी गई है।  इस निर्णय के बाद, जहां राहत मिले बाहरी राज्यों के कर्मचारी गदगद हैं, वहीं प्रदेश के नागरिकों की इस निर्णय से भारी आपत्ति  सामने आ रही है। इस पोस्ट को फेसबुक पर शेयर करने के बाद सैकड़ों कमेंट केवल रांग डिसीजन के ही आए हैं। देवभूमि फेसबुक एकाउंट में शेयर किए गए इस निर्णय के लिए लोग जमकर विरोध कर रहे हैं। वहीं फेसबुक पर इस निर्णय को हिमाचल को बाहरी लोगों के हाथों बेचने का भी आरोप लगाए जा रहे हैं। भाजपा सरकार के अब तक के निर्णयों में सबसे अधिक विरोध इस निर्णय का ही किया जा रहा  है।