मानल-दोची में एक भी शिक्षक नहीं

बिना प्रवक्ताओं के चल रहा स्कूल ,बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़

संगड़ाह -उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले जमा दो विद्यालय मानल दोची में एक भी प्रवक्ता न होने के चलते यहां पढ़ रहे ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के छात्रों का भविष्य भगवान भरोसे है। विडंबना यह है कि बिना अध्यापकों वाले इस स्कूल में विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति पर भी कोई अध्यापक नहीं भेजा गया। पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा चुनावी साल में सितंबर 2017 में शुरू किए गए उक्त विद्यालय में अध्यापक भेजने की चिंता न तो विभाग ने की और न ही इलाके के लोकप्रिय नेताओं को स्कूल में अध्यापक भेजने की मांग करने का समय मिला। नियमानुसार हालांकि किसी स्कूल अथवा संस्थान में कर्मचारी न होने की सूरत में अन्य समीपस्थ स्थान से कर्मचारी का डिप्यूट किया जाता है, मगर यहां ऐसा नहीं हुआ। स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष सोम प्रकाश व अन्य अभिभावकों ने यहां जारी बयान में पाठशाला में एक भी अध्यापक न होने तथा यहां प्रतिनियुक्ति पर भी शिक्षक भेजे जाने के लिए विभाग व सरकार के प्रति रोष जताया। क्षेत्र के तीन दर्जन के करीब अन्य शिक्षण संस्थानों में भी हालांकि अध्यापकों के दर्जनों पद खाली है, मगर मानल-दोची एक मात्र स्कूल है, जहां प्रतिनियुक्ति पर भी अध्यापक नहीं है। पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिनों पहले शुरू की गई इस वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में हालांकि सात माह पूर्व हिंदी प्रवक्ता जगत शर्मा की नियुक्ति हुई, मगर गत चार जुलाई को उनका यहां से दोबारा तबादला हो गया। तब से अब तक यहां कोई भी शिक्षक नहीं है।  शिक्षा उपनिदेशक सिरमौर उमेश बहुगुणा ने कहा कि उन्हें अब तक मानल-दोची पाठशाला में कोई भी शिक्षक न होने की जानकारी नही दी गई थी। उन्होंने कहा कि जल्द साथ लगते लुधियाना स्कूल के प्रधानाचार्य को यहां किसी प्रवक्ता की स्थाई नियुक्ति न होने तक वैकल्पिक व्यवस्था से पाठशाला चलाए जाने के निर्देश दिए जाएंगे।