नगर परिषद से सफाई व्यवस्था का दस दिन के भीतर किया जवाब तलब
हमीरपुर— शहर में यहां-वहां बिखरे कचरे की दुर्गंध से परेशान हो रहे शहरवासियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम हमीरपुर की अदालत ने सू मोटो लेते हुए नगर परिषद हमीरपुर के खिलाफ एक्शन ले लिया है। एसडीएम की ओर से नगर परिषद के ईआ को नोटिस जारी करते हुए कचरे को लेकर जवाब तलब किया है। सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट ने नगर परिषद के ईओ को दस दिन के भीतर इस बारे में जवाब फाइल करने को कहा है। ईओ को 18 सितंबर को दोपहर अढ़ाई बजे एसडीएम की अदालत में पेश होकर बताना होगा कि आखिर क्यों पब्लिक को परेशान करते हुए नियमों की अनदेखी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक हमीरपुर शहर के 11 वार्डों से आए दिन गंदगी के मामले सामने आ रहे हैं। कभी एक जगह तो कभी दूसरी जगह पर नियमानुसार सही तरीके से कचरे को ठिकाने नहीं लगाया जा रहा। परिषद के कर्मचारी अपनी मर्जी से कभी दिन में तो कभी रात को कूड़ा उठाते हैं। कई बार तो कूड़ा उठ ही नहीं पाता। इस कारण डस्टबिनों के बाहर गंदगी के अंबार लग जाते हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी भी रोजाना इसे दृश्यों से रू-ब-रू होते हैं। पब्लिक ही ओर से भी मीडिया के माध्यम से मामले उठाए जा रहे हैं लेकिन स्वच्छ होने के बजाय शहर लगातार प्रदूषित होता जा रहा है। गुरुवार को तो उस वक्त हद हो गई जब शहर के पॉश इलाके हीरानगर में यह वाकया सामने आया। यहां केवी को जाने वाले मार्ग पर रखे डस्टबिन की गंदगी इस तरह सडक़ पर बिखर गई थी कि गाडिय़ों के टायरों से आगे तक सडक़ गंदी हो रही थी। पूरा दिन लोग यहां परेशान होते रहे।
गंदगी के खिलाफ एक्शन का ऐसा पहला मामला
गंदगी की यह समस्या हमीरपुर में ही नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश के शहर इससे जूझ रहे हैं। कारण यह है कि नगर परिषदें अपने काम को बाखूबी नहीं निभातीं। हमीरपुर में एसडीएम की अदालत द्वारा गंदगी के मामले में इस तरह के एक्शन लेने का यह पहला मामला बताया जा रहा है। अकसर देखा गया है कि अधिकारी अपने स्तर पर निर्देश देते रहते हैं लेकिन कोर्ट ऐसे मामले में बहुत कम इन्वॉल्व होती है। हमीरपुर में एसडीएम की अदालत ने एक संदेश दे दिया है कि स्वच्छता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।