अस्पताल में तड़पता रहा मरीज 

ऊना—जिला के समूरकलां गांव में सड़क हादसे का शिकार युवक गंभीर हालत में चिकित्सकों की लापरवाही के कारण घंटो क्षेत्रीय अस्पताल में ही तड़फता रहा। जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे इस घायल युवक पर चिकित्सक को तरस नहीं आया। कई घंटे बीत जाने के बाद इस युवक के तीमारदारों ने प्राइवेट एंबुलेंस गाड़ी की और इसे पीजीआई चंडीगढ़ लेकर गए। अभी तक भी पीजीआई में इसकी हालत नाजुक बनी हुई है। मिली जानकारी अनुसार 24 वर्षीय संतोष नाम का युवक बिहार का रहने वाला है। ऊना में यह पीओपी का काम करता है। बुधवार को जब यह अपने वाहन पर समूर कलां में था तो चलते-चलते इसके दोपहिया वाहन का टायर फट गया। इससे यह गंभीर घायल होकर गिर गया। हादसे की जानकारी 108 वाहन को दी गई। ऊना से 108 वाहन ने इसे क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में भर्ती करवाया। जहां पर मॉर्निंग शिफ्ट में तैनात चिकित्सक ने इसे प्राथमिक उपचार देने के बाद इसकी हालत को देखते हुए पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया। रैफर करने के बाद उक्त चिकित्सक ड्यूटी ऑफ करके चला गया और ईवनिंग ड्यूटी करने वाला चिकित्सक एमर्जेंसी में ड्यूटी पर पहंुच गया। घायल युवक के तीमारदारों ने 108 वाहन सेवा से संतोष को पीजीआई चंडीगढ़ ले जाने के लिए फोन मिलाया। इस पर 108 कॉल सेंटर से इसके तीमारदार को कॉल आई और एंबुलेंस वाहन मौजूद होने की बात की। इसके बाद 108 के कर्मचारियों ने फोन करके चिकित्सक से पीजीआई रैफर होने की पुष्टि करने के लिए फोन पर बात करवाने के लिए कहा। जब तीमारदार इवनिंग ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के पास गए और बात करने के लिए बोला तो चिकित्सक ने इस संबंध में बात करने से साफ मना कर दिया। चिकित्सक ने तीमारदारों को जबाब दिया कि जिस चिकित्सक ने रैफर किया है उसकी बात करवाओ।   इसके बाद तीमारदारों ने गंभीर हालत में घायल संतोष को प्राइवेट एंबुलेंस गाड़ी से पीजीआई भेजा। वहीं इस संबंध में अस्पताल के एमएस भरत भूषण का कहना है कि उनके पास ऐसी कोई शिकायत नही आई है। फिर भी इस बारे में जांच की जाएगी।