नीलामी के डर से चुकाया लोन 

भद्रकाली में सहकारी सभा से लिया था 50 हजार का कर्ज, चुकाना पड़ा 1,27,804 रुपए

दौलतपुर चौक —क्षेत्र के भद्रकाली गांव की सहकारिता सभा से लिया गया ऋण जमीन की नीलामी का नोटिस देख मंगलवार को चुका दिया। यद्यपि उसकी जमीन की नीलामी 13 नवंबर को रखी गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भद्रकाली सोसायटी से एक व्यक्ति ने मार्च 2009 को लगभग 10 वर्ष पूर्व 50 हजार रुपए का ऋण लिया था। उसे मार्च 2012 तक चुकाना था। तय सीमा बीत जाने के बाद भी जब ऊक्त व्यक्ति ने ऋण नहीं चुकाया तो सोसायटी ने लिखित एवं मौखिक तौर पर उसे ऋण चुकाने के लिए कहा गया, परंतु वो टालमटोल करता रहा। शायद इस आस में की सरकार ऋण माफ करने की कोई योजना लाएगी। उसके मूलधन 50000 रुपए पर ब्याज बढ़ता गया, परंतु उसने ऋण चुकाने की हामी न भरी। जब सहकारिता विभाग के उप पंजीयक सहकारी सभाए धर्मशाला के पास उक्त मामला पहुंचा और अधिकारियों ने सख्त रूख दिखाते हुए ऊक्त व्यक्ति की जमीन की नीलामी 13 नवंबर को तय कर दी और उसके नोटिस निकाल दिए, तब ऊक्त ऋणी ने कर्ज की राशि ब्याज सहित 1,27,804 रुपए नौ साल सात महीने के बाद 15 अक्तूबर 2018 को चुका दिए। जमीन की नीलामी जैसे कडे़ फैसले से अन्य सहकारी सभाओ को ऋण वसूली मामले में बल मिला है। साथ ही डिफाल्टरों के भी हाथ पांव फूलने लगे हैं। उक्त मामले की पुष्टि करते हुए भद्रकाली सोसायटी प्रधान सर्वजीत सिंह एवं सचिव राहुल लखनपाल ने बताया कि सभा ने उक्त व्यक्ति द्वारा ऋण न चुकाने की वजह से जमीन की नीलामी 13 नवंबर को रखी थी, लेकिन नीलामी के डर से उक्त व्यक्ति ने एक माह पहले ही सभा का बकाया ऋण ब्याज सहित 1,27,804 रुपए चुकता कर दिया। उधर, सहकारी सभा कर्मचारी यूनियन  के प्रधान राजेंद्र राणा, महासचिव शिवकुमार ने उपपंजीयक धर्मशाला  व सहायक पंजीयक सहकारी सभा ऊना का कठोर निर्णय के लिए आभार जताया है। साथ ही मांग की है कि भविष्य में भी ऋण वसूली के लिए डिफाल्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाते हुए उनकी संपत्ति को नीलाम किया जाए, ताकि सहकारी सभाओं का एनपीए कम हो सके।