पहेली बनकर रह गई कंचन की गुमशुदगी

तीन माह बाद भी खाकी खाली हाथ, नहीं मिल पाया लापता का कोई सुराग

गगरेट -विकास खंड गगरेट के जोह गांव की लापता विवाहिता कंचन राधा का मामला पुलिस के लिए भी अबूझ पहेली बनकर रह गया है। क्या कंचन राधा किसी अनहोनी घटना का शिकार हो गई है? आखिर वह किस चारदीवारी में कैद है जहां से उसका अक्स तक बाहर नहीं आ पा रहा है। कंचन राधा को जमीन निगल गई या फिर आसमान खा गया। ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब तीन माह बाद भी खाकी ढूंढने में असफल रही है। ऐसे में कंचन राधा के दो अबोध बच्चे रोजाना सड़क पर टकटकी लगाए देखते हैं कि शायद आज उन्हें मां के दीदार होंगे लेकिन हर रोज सांझ उनके लिए निराशा के भाव लेकर आती है। एक निजी स्कूल में बतौर शिक्षिक कार्यरत जोह गांव की कंचन राधा करीब तीन माह पहले घर से दवा लेने के लिए होशियारपुर गई थी। बस वहीं से रहस्यमय हालात में गायब हो गई। जाहिर है कि कंचन राधा पढ़ी-लिखी थी। ऐसे में उसे कोई टॉफी का लालच देकर तो ले जा नहीं सकता था। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने भी कंचन राधा को ढूंढने का भरसक प्रयास किया लेकिन तीन माह बाद पुलिस के हाथ भी कोई ऐसा सुराग नहीं लगा जिसके माध्यम से कंचन राधा की खोज खबर ली जा सके। हालांकि कंचन राधा का जो मोबाइल नंबर था उसकी कॉल डिटेल भी पुलिस ने मंगवाई लेकिन काल डिटेल भी कंचन राधा को ढूंढने में खास मदद नहीं कर पाई। कंचन राधा के पति लुधियाना में प्राइवेट जॉब करते हैं। पति भी पिछले तीन माह से पत्नी की खोज खबर न लगने से परेशान है। हालांकि वह अपने बच्चों को रोज झूठी तसल्ली देकर बहला रहा है कि मां आ जाएगी लेकिन पता उसे भी नहीं कि कंचन राधा कहां गई। इस मामले में पुलिस को कोई भी ऐसी लीड नहीं मिल रही है जिसके सहारे इस मामले को सुलझाया जा सके। कंचन राधा के परिजन उसकी खोज खबर के लिए कई बार पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं लेकिन नतीजा ढाक के वही तीन पात ही रहा है। उधर डीएसपी मनोज जम्वाल का कहना है कि पुलिस इस मामले में हर पहलू की जांच कर रही है ताकि कंचन राधा का पता लगाया जा सके।