पांगणा के डाक्टर ने उगाया विदेशी पेपीनो

करसोग —भले ही हिमाचल के किसानों-बागबानों के बीच शायद विदेशी पेपीनो फल एक नया नाम है। परंतु आने वाले सालो में दक्षिणी अमेरिकी मूल का यह फल हिमाचली जल-वायु के अनुकूल आधार पर भी धीर-धीरे प्रचलित होकर व्यवसायिक दृष्टि से जैविक फलों की कतार में सबसे आगे हो सकता हेै। बैंगन और टमाटर के सामान रूप आकार वाले इस पौधे को सुकेत रियासत की ऐतिहासिक नगरी पांगणा के समाज सेवी डाक्टर जगदीश शर्मा ने करसोग क्षेत्र में इस फल को सफलता पूर्वक उगाने का परिक्षण किया है। प्रगतिशील बागबान डाक्टर जगदीश शर्मा ने एक वर्ष पूर्व अपने आंगन में रखे गमलों में पेपीनो के पौधे लगाए थे। अब यह पौधे फल देने लग गए हैं। डाक्टर जगदीश शर्मा ने बताया कि उन्होंने पेपीनो का रोपण मार्च 2017 में किया था। अक्टूबर 2018 में इस पौधे में फल तैयार हो गए हैं।। उन्होंने बताया कि इन फलों को तैयार करने में न ही तो रासायनिक खादों का प्रयोग किया गया है और न ही तो कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया है। मात्र गोबर की खाद का ही प्रयोग किया है। पेपीनो के ये फल पूर्णतः जैविक हैं। प्रदेश वानिकी निदेशालय शिमला के वैज्ञानिक डाक्टर शरद गुप्ता ने बताया कि पेपीनो के पौधे को मध्यम ऊंचाई तक के क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। इसकी पैदावार के लिए 15 से 25 डिग्री सैल्शियस तक का तापमान और हल्की अम्लीय मिट्टी जिसका पी एच मान (6-7) हो, उपयुक्त मानी गई है। लगभग तीन फुट तक की ऊंचाई तक बढ़ने वाला यह पौधा बैंगन और टमाटर परिवार का ही सदस्य लगता है परंतु फलदार है। इसे ठंड से बचा कर रखना जरूरी है। पौधे की उचित बढ़ोतरी के लिए धूप तथा नमी वाली मिट्टी तथा उचित समय पर सिंचाई बहुत आवश्यक है। एक पौधे से कटिंग के माध्यम से अनेक नए पौधे तैयार किए जा सकते हैं। बैंगनी धारियों वाले मीठे पेपीनो फल में विटामिन सी सहित अनेक पोषक तत्व होते हैं। एक पौधे से दो-तीन किलोग्राम फल प्राप्त किए जा सकते हैं। अभी यह फल हिमाचल या भारतीय बाजार में उपलब्ध नहीं है। अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में इसके बहुत ही अच्छे दाम हैं। हिमाचल प्रदेश में पेपीनो की व्यवसायिक खेती के लिए अभी शोध और प्रोत्साहन की आवश्यकता है। कम अवधि में फल देने के कारण गृह वाटिका व गमलों में लगाने के लिए पेपीनो फल अमेरिका, अफ्रीका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया विदेशों में बहुत लोकप्रिय होने के कारण खूब उगाया जाता है। व्यापार मंडल पांगणा के समाज सेवी युवा प्रधान सुमीत गुप्ता और भारत स्वाभिमान के मंडी जिला प्रभारी जितेंद्र महाजन का मानना है कि विदेशी तर्ज पर पेपीनो का यदि व्यवसायिक उत्पादन शुरु हो तो हिमाचल प्रदेश व देश में इसका अच्छा भविष्य हो सकता है।