पानी को तरसे उद्योगपति

 ऊना—औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल के अंतर्गत आते बाथू-बाथड़ी के उद्योगों में पेयजल की किल्लत से उद्योगपति खासे परेशान है। पेयजल की उचित व्यवस्था न होने के कारण उद्योगपतियों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते उद्योगों में होने वाले उत्पादन पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उद्योगपतियों ने कई बार इस समस्या को हर उचित मंच पर उठाया है, लेकिन हर बार आश्वासन के सिवाए कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। जिसके चलते औद्योगिक क्षेत्र में पेयजल की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। हालांकि अधिकतर उद्योगों के प्रबंधकों ने जैसे-तैसे अपने कार्य का संचालन करने के लिए अपने ही स्तर पर बोर किए हैं। जिनके माध्यम से पानी को लिफ्ट किया जा रहा है और उद्योगों के कार्य को चलाया जा रहा है। लेकिन फिर भी पानी की खपत ज्यादा होने के कारण पानी की समस्या हमेशा ही बनी रहती है। इस संबंध में उद्योगपतियों ने मामले को सरकार व प्रशासन के समक्ष भी उठाया है। जिस पर कार्रवाई करते हुए उद्योग विभाग ने इस औद्योगिक क्षेत्र में पानी की सप्लाई को बहाल करने के लिए विभागीय कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस कार्रवाई में पानी की सप्लाई से संबंधित तमाम बिंदुओं की ड्राइंग तैयार की गई है। कार्रवाई को पूरा करने के लिए प्रदेश के उद्योग विभाग से भी कार्य करवाने की स्वीकृति ले ली है। जिस पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। सरकार ने उद्योगपतियों को राहत देने के लिए उद्योग विभाग को 55 लाख रुपए की राशि दी है। जिसके अनुसार उद्योग विभाग ने कार्रवाई को शुरू कर दिया है। वहीं इस बारे में एसआईडीसी के एक्सईएन दिनकर शर्मा ने बताया कि विभाग ने बाथू-बाथड़ी में  पानी की समस्या को दूर करने के लिए पेयजल भंडारण के लिए दो लाख लीटर पानी की क्षमता का टैंक तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया है। 55 लाख की लागत से बनने वाला यह टैंक जैसे ही बनकर तैयार होता है वैसे ही पानी की समस्या दूर हो जाएगी।