मदद के लिए थैंक्स अंकल  

गगरेट—विकास खंड गगरेट की ग्राम पंचायत अपर गगरेट की एक नन्हीं कली अब बेवक्त मुरझाने से बच जाएगी। बारह साल की अंजलि के दिल में छेद है लेकिन दिहाड़ी लगाकर परिवार का गुजर बसर करने वाले सुखराज की इतनी हैसयित नहीं कि बेटी का आपरेशन करवा सके। पीजीआई के डाक्टरों ने आपरेशन के लिए जो खर्च बताया है, सुखराज वह तक नहीं जुटा पा रहा है। ऐसे में एडवांस वॉल्व कंपनी के प्रबंधक वेद गोयल अंजलि के दिल का सुराख अपने ममतामयी स्पर्श से भरने के लिए आगे आए हैं। वेद गोयल ने अंजलि के उपचार के लिए इक्कीस हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की है। बुधवार को जब वेद गोयल सुखराज के घर सहायता राशि देने पहुंचे तो सुखराज के परिवार के सदस्यों के चेहरे ऐसे खिल गए जैसे साक्षात भगवान आकर उनसे कह रहे हों कि घबराओ नहीं मैं हूं न। सुखराज की बारह साल की बेटी अंजलि को बचपन से ही दिल में यह समस्या था। वह जरा सी उछल कूद करती तो उसकी सांस फूलने लगती। पहले तो सुखराज के परिवार को पता ही नहीं चला कि माजरा क्या है। फिर उसे किसी ने पीजीआई जाने की सलाह दी। पीजीआई के डाक्टरों से सुखराज को पता चला कि बेटी के दिल में छेद है और उसके आपरेशन की जरूरत है। डाक्टर के यह शब्द सुनकर सुखराज को ऐसा लगा जैसे आसमान ही टूटकर उस पर गिर गया हो। चिंता यह थी कि बेटी के उपचार के लिए धन कहां से आएगा। इसी चिंता के बीच उसे एक दिन डीएवी स्कूल अंबोटा में कार्यरत डीपीई दीपक चौधरी मिले और दीपक चौधरी ने कई दानवीर सज्जनों से मुलाकात कर अंजली के उपचार में सहायता करने की फरियाद की। दीपक चौधरी ने जब एडवांस वॉल्व कंपनी के प्रबंधक वेद गोयल को यह किस्सा सुनाया तो उनका दिल भी पिघल गया और उन्होंने भी अंजलि के उपचार में मदद करने के लिए हामी भरी।  बुधवार को वेद गोयल ने जब अंजली के हाथ में इक्कीस हजार रुपए की सहायता राशि का चैक थमाया तो उसके परिवार के चेहरे पर आए खुशी की भाव तो देखे जा सकते थे बल्कि अंजलि ने भी खुशी से उछलते हुए कहाथैंक्स अंकल।