अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में सम्मान दिलाने वालों को खेल कोटा नहीं

रोजगार के लिए तीन प्रतिशत कोटे का नहीं मिल रहा लाभ

अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में दिला चुके हैं 94 पदक

शिमला -अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल चैंपियनशिप में पदक हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले हिमाचल के स्पेशल खिलाड़ी खेल कोटे से महरूम है। प्रदेश के अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में स्वर्ण व रजत पदक दिलाने वाले खिलाडि़यों को रोजगार में तीन प्रतिशत खेल कोटे का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे स्पेशल खिलाड़ी स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा खेलकूद प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाडि़यों को रोजगार में तीन प्रतिशत खेल कोटे का लाभ प्रदान किया जा रहा है। मगर प्रदेश के स्पेशल खिलाड़ी राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे उक्त लाभ से वंचित है। अभी तक राज्य के होनहार खिलाडि़यों को उक्त कोटे का लाभ नहीं मिल पाया है। प्रदेश के स्पेशल खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में 94 के करीब पदक जीत का पहाड़ी प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर चुके हैं।

प्रदेश के स्पेशल खिलाडि़यों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिपों में 29 स्वर्ण पदक, 26 रजत और 29 कांस्यक पदक जीत चुके हैं। जबकि नेशनल चैंपियनिश्प में तो राज्य के खिलाड़ी 150 के करीब पदक हासिल कर प्रदेश का गौरव बढ़ा चुके हैं। मगर रोजगार में तीन फीसदी कोटे का लाभ न मिलने से खिलाडि़यों के हाथ निराशा लगरही है। हालांकि प्रदेश स्पेशल ओलोम्पिक संघ खिलाडि़यों को तीन प्रतिशत खेल कोटे का लाभ प्रदान करवाने के लिए ड्राफट तैयार कर रहा है। मगर प्रदेश के होनहार खिलाड़ी राज्य सरकार की नजरअंदाजी से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

नेशनल में जीता है स्वर्ण पदक

हालही में बैंगलोर में खेली गई नेशनल फ्लोर बॉल चैंपियनशिप में प्रदेश के खिलाडि़यों ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है। वहीं प्रदेश के छह स्पेशल खिलाड़ी आबूधाबी में खेले जाने वाली वर्ल्ड समर गेम्स की संभावित सूची में भी शामिल है।