कार के बोनट पर खड़े होकर बेचे प्लाट

श्रीरेणुकाजी—अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले में प्लाट आबंटन की प्रक्रिया विवादों के घेरे में है प्लाट आबंटन में पिक एंड चूज की नीति अपनाई जा रही है, जिसको लेकर कई व्यापारियों मंे गहरा रोष है एक मतर्बा तो ऐसा भी किया गया कि कार के बोनट पर ही खडे़ होकर प्लाट बेच दिए गए,। लेकिन यह व्यापारी बाहरी राज्यों से आने के कारण विरोध नहीं कर पा रहे हैं। प्लाट आबंटन कमेटी ने शुक्रवार को सहारनपुर से आए एक एक आदमी को 10-10 प्लाट बेच दिए, जबकि कई लोग एक-एक प्लाट लेने से भी वंचित रह गए हालांकि यह प्लाट बोली से बेचे गए। लोगों का आरोप है कि प्लाट आबंटन एक ही जगह खड़े होकर कर बेच दिए गए जबकि इससे पूर्व के वर्षों में प्लाट आबंटन प्लाटो में जाकर किए जाते थे। नियमों के मुताबिक प्लाट उन्हीं प्लाटों में जाकर बेचे जाने चाहिए थे, जिस नंबर का वह प्लाट है, जबकि ऐसा नहीं किया गया, जिसके चलते विवाद पैदा हो गया।  एक ही जगह खड़े होकर बेचे गए प्लाटो  की संख्या लगभग 20 से 50 होगी जिसके चलते कई व्यापारी अपने प्लाटोें पर खड़े रह गए, लेकिन उन्हंें प्लाट नहीं मिल पाए, क्योंकि कमेटी ने यह प्लाट पहले ही एक जगह खड़े होकर बेच दिए थे। तहसीलदार द्वारा जारी सूचना के मुताबिक प्लाट आबंटन से पहले सारी राशि पहले जमा करवानी अनिवार्य थी, लेकिन शनिवार को पांच से 10 हजार रुपए लेकर ही प्लाट  दे दिए गए, जबकि शुक्रवार को व्यापारियों से प्लाटों का पूरा पैसा देने के लिए मजबूर किया गया, जिससे छोटे व्यापारी प्लाट लेने से वंचित रह गए। मिली जानकारी के मुताबिक कई व्यापारी निराश होकर वापस ही लौट गए बताया जाता है कि प्लाट आबंटन कमेटी ने प्लाटों से होने वाली आय का टारगेट पूरा करने के लिए नियमों को भी ताक पर रख दिया शनिवार को लगभग 205 प्लाट बेचे गए, जिनसे 12 लाख रुपए की आय हुई है अभी तक फ्रंट के 345 में से 315 प्लाट बेच दिए गए हैंं, जिससे रेणुका विकास बोर्ड को लगभग 29 लाख रुपए की आय प्राप्त हुई है इस बारे में तहसीलदार ददाहू देवी सिंह कौशल ने बताया कि उनकी कोशिश रही की प्लाटो को मौके पर ही जाकर बेचा जाए। कई जगह व्यापारियों को प्लाट एक ही जगह ज्यादा भीड़ होने के कारण देने पड़े उन्हें अभी तक इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है।