पांवटा-रामपुरघाट सड़क खस्ताहाल

पांवटा साहिब—पांवटा साहिब के दूसरे औद्योगिक क्षेत्र रामपुरघाट को जाने वाली सड़क की हालत खराब हो गई है। विश्वकर्मा चौक से रामपुरघाट की तरफ  जाने वाली यह सड़क डेंटल कालेज तक के करीब तीन किलोमीटर के दायरे मंे गड्ढों में तबदील हो गई है। जगह-जगह गड्ढे उभरने से छोटे व दोपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं का अंदेशा बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग से सड़क की हालत सुधारने की गुहार लगाई है। जानकारी के मुताबिक रामपुरघाट को जाने वाली सड़क में कीचड़ व बड़े-बड़े गड्ढों के कारण उसमंे भरे पानी से वाहन चलाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर तो पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। यहां पर कई बाइक सवार गड्ढे में गिर चुके हंै। यह मार्ग तीन पंचायतों कई गांवों को जोड़ता है।  इस सड़क पर हर रोज सैकड़ों वाहन यमुना नदी से रेत व बजरी लेकर दौड़ते हंै। इससे भी सड़क टूट रही है। गौर हो कि डेंटल कालेज से आगे की सड़क को दुरुस्त करने के लिए उद्योग विभाग से बजट आया था। वह सड़क अभी तक ठीक है, लेकिन उससे पहले की सड़क की हालत खराब हो चुकी है। कुंजा मतरालियों की प्रधान शिक्षा देवी ने बताया कि रामपुरघाट सड़क की हालत डेंटल कालेज से विश्वकर्मा चौक तक बदत्तर हो चुकी है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे उभर गए हैं, जिससे लोगों और वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर यमुना नदी से खनिजों से लदे ट्रकों के अलावा क्रशर-बजरी के ट्रक भी यहीं से चलते हैं, जिससे सड़क की हालत और ज्यादा खराब हो गई है। हालांकि विभाग ने बरसात के बाद सड़क पर पैचवर्क  किया था लेकिन भारी वाहनों के चलने से यह फिर से उखड़ गए हैं। उधर, इस बारे में लोक निर्माण विभाग मंडल पांवटा के अधिशाषी अभियंता अजय शर्मा ने बताया कि बरसात के बाद गड्ढों को पैचवर्क  से भरवा दिए गए थे, लेकिन भारी वाहनों से यह फिर से उभर गए हैं। उन्होंने कहा कि अब ठंड के मौसम में टायरिंग नहीं हो पाएगी। फिर भी गड्ढों को पैचवर्क से भरवाने का प्रयास किया जाएगा। गर्मी शुरू होते ही सड़क पर टायरिंग करवाकर सड़क को दुरुस्त कर दिया जाएगा। रामपुरघाट क्षेत्र मंे एक दर्जन से अधिक फार्मा व सीमेंट उद्योगों में हजारों की तादाद मंे मजदूर काम कर रहे हंै। इस क्षेत्र में सड़क की हालत खराब होने के कारण, जहां दोपहिया वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं वहीं बारिश मंे बाद उभरे गड्ढों से दोपहिया वाहन और पैदल चलने वालों को भारी परेशानियां उठानी पड़ती हंै। इसके अलावा इस क्षेत्र में करीब आधा दर्जन क्रशर भी है, जहां से क्रशर लेकर वाहन गुजरते हैं। बड़े-बड़े गड्ढों के कारण वाहनों के पलटने का भी खतरा बराबर बना रहता है।