मेले की आखिरी शाम नाटी गायकों के नाम

संगड़ाह—अंतरराष्ट्रीय मेला रेणुकाजी की पांचवी एवं आखिरी सांस्कृतिक संध्या में हिमाचली लोक गायकों के आगे पंजाबी स्टार फीके पड़ते नजर आए। दरअसल संध्या के स्टार गायक अमरिंद्र बॉबी को परंपरा के अनुसार आखिर में पूरा समय दिया गया, मगर इससे पहले ही डांस के शौकीन युवा नाटियों पर थिरक कर थक चुके थे। इस वजह से नाटी जैसा क्रेज पंजाबी गीतों के लिए नहीं दिखाई दिया। युवाओं को नचाने के लिए मंच छोड़कर करीब पांच मिनट लगातार दर्शक दीर्घा में रहने के बावजूद बॉबी हिमाचली कलाकारों से ज्यादा दमखम नहीं दिखा सके। संध्या में भारत के अलावा विदेशों में भी सिरमौरी लोकनृत्य में छाप छोड़ चुके उपमंडल संगड़ाह के सांस्कृतिक दल बाऊनल की प्रस्तुति के बाद राजगढ़ के लोकगायक किशन वर्मा के सिरमौरी गीतों पर दर्शक खूब थिरके। लोक गायिका रीना ठाकुर द्वारा प्रस्तुत ठंडे पाणी गे मजनू, तेरी शांगरी व लांबे घासणी रा घास आदि नाटियों ने भी वाहवाही लूटी। शिमला के मशहूर लोक गायक मदन झालटा ने रेणुकाजी वंदना के बाद हाए कुब्जा ढिलिए भी खेए बानो रे तथा अपने नए गीत माला रे मेरी प्यारी से दर्शक दीर्घा में मौजूद सैकड़ों युवाओं को जमकर नचाया। हिमाचली कलाकारों से कई गुणा  ज्यादा बजट पर परफॉर्म करने पहुंचे पटियाला के पंजाबी गायक अमरिंद्र बॉबी द्वारा सब एक है भक्ति वंदना के बाद तेरे इश्क दा गिरदा पेंदा, छल्ला वैरी आए, आजा वे माही, दिल दा मामला व मामला गड़बड़ है आदि गीतों से दर्शकों की वाहवाही लूटने की कोशिश की गई। दर्शकों को नचाने के लिए संध्या के उक्त स्टार हालांकि बार-बार रेणु मंच की गरिमा व परंपरा भूलकर दर्शक दीर्घा में आ धमके, मगर इसके बावजूद स्थानीय श्रोताओं ने उन्हें खास पसंद नहीं किया। पंडाल में मौजूद कुछ पंजाबी श्रोताओं ने हालांकि बॉबी को पसंद किया, मगर हंसराज हंस तथा गुरदास मान जैसे ख्याति प्राप्त पंजाबी सिंगर देख चुके रेणु मंच पर बॉबी की परफार्मेंस फीकी पड़ने को लेकर लोग सोशल मीडिया पर भी आयोजकों के लिए तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। उपायुक्त सिरमौर ललित जैन आखिरी संध्या के मुख्यातिथि रहे तथा लगभग सभी मुख्य कलाकारों तथा उद्घोषकों द्वारा जिला प्रशासन की तारीफ के पुल बांधे गए।

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