सिर्फ चेतावनी मिली, इन्क्रीमेंट नहीं रुकेगी

शिक्षा विभाग ने पूअर रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को जारी किए वार्निंग लैटर

 शिमला —हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कमजोर रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को सरकार के बाद अब शिक्षा विभाग ने भी वार्निंग लैटर जारी कर इन्क्रीमेंट रोकने के फैसले को वापस ले लिया है। हालांकि उच्च शिक्षा विभाग ने ही कुछ माह पहले सरकार के आदेशों के बाद सबसे पहले पूअर रिजल्ट देने पर 38 शिक्षकों की  इन्क्रीमेंट रोकने की अधिसूचना लिखित में जारी की थी। अब सरकार व शिक्षा विभाग के अपने ही फैसले को यू-टर्न लेने पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। पूअर रिजल्ट पॉलिसी के तहत पहली बार जयराम सरकार ने शिक्षकों पर इतनी बड़ी कार्रवाई अमल में लाई थी।  फिलहाल उच्चतर शिक्षा विभाग ने जिलों इन्क्रीमेंट के फैसले को वापस लेने के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने पूअर रिजल्ट देने वाले इन शिक्षकों को वार्निंग लैटर भी जारी कर दिए है। इसके साथ ही यह भी आदेश उपनिदेशकों को दिए गए हैं कि जिन 38 शिक्षकों की इन्क्रीमेंट रोकी गई थी, उन शिक्षकों की रिजल्ट रिपोर्ट अगले वर्ष अलग से बनानी होगी। बताया जा रहा है कि जीरो रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की अगले साल प्रोग्रेस रिपोर्ट विभाग देखेगा। दूसरी बार भी अगर बेहतर रिजल्ट नहीं रहा तो उन शिक्षकों के खिलाफ इन्क्रीमेंट रोकने के साथ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने पालमपुर में शिक्षक संगठन के कार्यक्रम में इन्क्रीमेंट रोकने के फैसले को वापस लेने का ऐलान किया था। इसके साथ ही शिक्षकों को आगे बेहतर रिजल्ट देने के भी आदेश दिए गए थे।

अध्यापकों को नहीं मिलेगा दूसरा मौका

उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह ने कहा है कि अब अगली बोर्ड की परीक्षा में पूअर रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा। उन्होंने जिला उपनिदेशकों को आदेश दिए हैं कि वे शिक्षकों को अभी से ही दसवीं, जमा एक व जमा दो के छात्रों को परीक्षाओं के लिए फुल तैयारियां करवाना शुरू कर दें। उनकी ओर से आदेश दिए गए हैं कि कमजोर छात्रों की एक्स्ट्रा कक्षाएं भी लगाई जाएं। निदेशक ने दोटूक कहा है कि अगले वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों के खराब रिजल्ट पर शिक्षक के साथ प्रधानाचार्य पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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