केएमसी ने निकाले 23 मजदूर

शनिवार को काम पर जाने से रोका, गुटकर साइट पर जमकर हुआ हंगामा

गागल—फोरलेन निर्माण कार्य में लगी केएमसी कंपनी ने अपने 23 मजदूरों को बिना किसी सूचना के काम से निकाल दिया है। मजदूरों को काम से निकालने के साथ ही उनके दो महीने के वेतन पर भी कंपनी ने कुंडली मार ली है। हालांकि केएमसी कंपनी का काम अभी जोरों से चला हुआ है, लेकिन इसके बाद भी कंपनी मजदूरों का शोषण करने में लगी हुई है। शनिवार को भी कंपनी की गुटकर स्थित साइट पर जमकर हंगामा हुआ। शनिवार को हिमाचल प्रदेश भवन एवं सड़क निर्माण यूनियन (संबंधित सीटू) के बैनर तले छंटनी किए गए मजदूरों ने गुटकर स्थित केएमसी कंपनी कार्यालय के बाहर शनिवार को अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। 23 विभिन्न पदों पर नियुक्त मजदूरों को कंपनी द्वारा शनिवार को काम पर जाने से रोक दिया गया, जिस पर मजदूर भड़क गए और कंपनी कार्यालय के बाहर प्रबंधन के खिलाफ  जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। मजदूर यूनियन के प्रधान लेखराज ने बताया कि कंपनी ने विभिन्न ट्रेड के 23 मजदूरों की श्रम कानूनों के खिलाफ  छंटनी कर दी है, जिससे उनके परिवार पर रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। ये मजदूर दूसरी जगह से इस आस में नौकरी छोड़ कर आए थे कि इस कंपनी में उन्हें इस कंपनी में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन इस कंपनी ने एक साल भी नौकरी पर नहीं रहने दिया और नौकरी से निकाल दिया है। दो महीने का वेतन भी नहीं दिया है। इससे मजदूरों में काफ ी आक्रोश है। लेख राज ने बताया कि यह मामला केंद्रीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी शिमला के पास विचाराधीन है और श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने 18 दिसंबर को वार्ता के लिए बुलाया है। समझौता वार्ता से पहले किसी प्रकार की सेवा शर्तों में बदलाव या छंटनी और दूसरे राज्यों में स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद कंपनी ने श्रम कानून का उलंघन करते हुए 23 मजदूरों-कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया और उनके रहने तथा खाने की सुविधा भी बंद कर दी है। यही नहीं, बकाया वेतन भी अभी नहीं दिया है, जिसके विरोध में ये मजदूर कर्मचारी धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।

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