जहां कभी पढीं, वहां अब भेंट की किताबें

थुरल,(पालमपुर)—वह स्कूल जिसके परिसर में कभी शांता कुमार पढ़ा करते थे। आज उसी स्कूल के लिए उन्होंने अपने व पत्नी द्वारा लिखी गई किताबें पुस्तकालय के लिए भेंट की। यह मौका काफी भावुकता भरा था, जब सांसद शांता कुमार ने करीब छह दशक पूर्व की यादें ताजा कर दीं। विश्व एड्स दिवस पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला थुरल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें सांसद शांता कुमार धर्मपत्नी संतोश शैलजा संग पहुंचे थे। पचास के दशक में शांता कुमार इस स्कूल के छात्र रहे और उन्हें यहां पढ़ाने का अवसर भी मिला। शांता कुमार यहां कुछ अपने समय के साथियों को देख भाव विभोर हुए, तो अपने गुरुजनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उनके शिक्षक उन्हें लिखने के लिए प्रेरित करते थे। बकौल शांता कुमार उन्हीं गुरुओं के आशीर्वाद से उन्होंने अपने लिखने के क्रम को कभी रुकने नहीं दिया। वह जेल में रहे या रेल लेखनी उनके साथ रही और उन्होंने व उनकी पत्नी करीब तीन दर्जन किताबें अब तक लिखी हैं। अपने थुरल स्कूल के पुस्तकालय के लिए सांसद शांता कुमार ने इनमें से 32 किताबें भेंट की। इसके साथ ही शांता कुमार ने दो शौचालयों के निर्माण और एक शौचालय की मरम्मत के लिए तीन लाख रुपए, सामुदायिक भवन के शेष कार्य के लिए दो लाख रुपए के साथ विद्यालय मंच के लिए भी पैसे देने की घोषणा की। शांता कुमार ने बच्चों को संतोष, धैर्य व चरित्र बनाए रखने की सीख दी, तो मोबाइल और नशे से बचने की सलाह भी दी। इस मौके पर शांता कुमार व स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने  एड्स जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सांसद शांता कुमार ने सुलह क्षेत्र से अपने लंबे रिश्ते को याद करते हुए अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों की चर्चा भी की। वहीं, उन्होंने कहा कि अब विपिन परमार यहां अच्छा काम कर रहे हैं और उन्होंने इसके लिए परमार को शाबाशी भी दी।

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