ट्रांसपोर्ट माफिया को खत्म करे सरकार

पंजाब में रोडवेज कर्मचारियों की संयुक्त एक्शन समिति ने उठाई मांग; कहा, उच्च न्यायालय के फैसले पर राहत दे प्रशासन

जालंधर -पंजाब रोडवेज कर्मचारियों की संयुक्त एक्शन समिति ने मांग की है कि रोडवेज संबंधी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 20 दिसंबर 2016 को दिए फैसले को तुरंत लागू किया जाए। एक्शन समिति के संयोजक मंगत खान ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राज्य से ट्रांसपोर्ट माफिया को खत्म करने का वादा किया था, लेकिन इतना समय गुजर जाने पर भी सरकार ने अभी तक रोडवेज में व्याप्त माफिया को खत्म नहीं किया है। उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री अरूणा चौधरी का कहना है कि यह विभाग उन्हें जबर्दस्ती दिया गया है और यही कारण है कि वह परिवहन विभाग की समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रही हैं।

श्री खान ने कहा कि लंबे समय से विभाग में बस चालकों, परिचालकों और क्लर्क की भर्ती पर रोक लगी हुई है जबकि एएमई और प्रबंधकों की भर्ती की जा रही है, जबकि एएमई अधिकारियों की विभाग में कोई जरूरत ही नहीं है। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग में विभिन्न डिपो में महाप्रबंधकों के पद रिक्त पड़े हैं लेकिन भ्रष्टाचार के कारण इन पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि 11 जुलाई 2018 को परिवहन मंत्री ने बस चालकों की पदोन्नति और तबादले करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक इस संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि सरकार ने परिवहन नीति को ठंडे बस्ते में डाल रखा है। कर्मचारियों की भर्ती करने की बजाय आउटसोर्सिंग से काम करवाया जा रहा है। नई खरीदी गई बसों की बाडी निजी कंपनियों से बनवाई जा रही है, जो घटिया किस्म की है। इन बसों में परिचालक के बैठने के लिए सीट भी नहीं लगाई जा रही। उन्होंने मांग की है कि अनुबंध कर्मचारियों को स्थायी किया जाए। कर्मचारियों को रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाए। पनबस को हस्तांतरित की गई रोडवेज की संपति वापस की जाए। रोडवेज में नई बसें शामिल की जाएं तथा पनबस की कर्जा मुक्त बसों को स्टाफ सहित रोडवेज में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें लगातार नकार रही है जिस कारण रोडवेज कर्मचारियों में प्रशासन व सरकार के प्रति रोष है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गई तो कमेटी किसी भी प्रकार के प्रदर्शन से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ मौजूदा अमरेंद्र सरकार ही जिम्मेदार होगी।

मांगें न मानने पर धरने की चेतावनी

एक्शन समिति के संयोजक मंगत खान ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो एक जनवरी 2019 को पंजाब के सभी परिवहन डिपो पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। दो, तीन और चार जनवरी को चंडीगढ़ में धरना दिया जाएगा। अगर फिर भी मांगें नहीं मानी गई, तो आठ और नौ जनवरी को चक्का जाम किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से परिवहन मंत्री को बदलने का आग्रह किया है।