दुकानों के इंतजार में चंडीगढ़ के रेहड़ी वाले

चंडीगढ़ -चंडीगढ़ में आवास बोर्ड, संपदा विभाग व नगर निगम के हजारों बूथ वर्षों से खाली पडे़ हैं, पर वर्ष 1991 से बूथों की अलाटमेंट की प्रतीक्षा में बैठे सेक्टर-29, 28 व रामदरबार के उन योग्य पात्रों को अलाट नहीं किए जा रहे जो इसकी देय राशि भी वर्षों पहले जमा करा चुके हैं। इनमें से सेक्टर-29 की गांधी रेहडी व थड़ा मार्किट के दुकानदारों के लिए तो सेक्टर-11 में बूथ बनाए भी गए पर उन्हें वर्षों से खाली रख कर जरजर हालत में तो पहुंचा दिया गया है पर इन्हें अलाट नहीं किया गया। मनीमाजरा की जनता रेहड़ी मार्केट की दर्द भी कुछ ऐसा ही है। उनके लिए बूथ मार्किट बनाने के लिए  वर्ष  2006 में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने नींव पत्थर रखा था। आज तक बूथ मार्केट बननी तो दूर, निगम ने योजना तक नहीं बनाई।  इस जनता रेहड़ी मार्केट में 484 बूथ बनने थे। हालांकि शहर में  हजारों बूथ वर्षों से खाली पडे हैं पर सेक्टर 28 के 53, सेक्टर 29 के 79 व रामदरबार के 101 दुकानदार गत चार दशकों से पैसे जमा कराकर भी बूथ के हकदार नहीं बन पाए। चंडीगढ़ रेहड़ी फडी यूनियन के अध्यक्ष हंसराज मेहरा ने बताया कि इनमें से कई तो बूथ की प्रतीक्षा में स्वर्ग भी सिधार चुके हैं। उनका कहना था कि वर्ष 1991 में चंडीगढ़ की सभी मार्किटों के करीब 4000 दुकानदारों को बूथ अलाट करने की योजना के तहत उन्होंने 100-100 रुपए देकर पंजीकरण कराया था। इसके बाद संपदा कार्यालय के आदेशों पर इन लोगों ने 3000-3000 रुपए पक्के बूथों के लिए चंडीगढ़ आवास बोर्ड में जमा करवाए थे।

महापौर बोले, जल्द होगी कार्रवाई

इस संबंध में महापौर देवेश मोदगिल का कहना था कि वह स्वयं प्रशासक से इनका मामला उठाएंगे और जल्द ही शहर में खाली पडे़ बूथों को योग्यता व सुविधानुसार अलाट कराने का प्रयास करेंगे।

हर दर लगाई इनसाफ की गुहार

इस बारे में रेहड़ी-फड़ी वालों ने कहा कि चंडीगढ़ के प्रशासक, प्रशासक के सलाहकार, प्रशासन के गृह सचिव, वित्त सचिव, जिला मजिस्ट्रेट व भाजपा तथा कांग्रेस के अध्यक्षों व पूर्व सांसद हरमोहन धवन, पवन बंसल व सतपाल जैन से बार बार उन्हें उनका हक दिलाने का लिखित अनुरोध कर चुके हैं पर उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।