बैंकों के विलय के विरोध और वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर केंद्र के खिलाफ सड़कों पर उतरे आठ हजार कर्मचारी
शिमला – बैंक के विलय करने और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बुधवार को प्रदेश में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते प्रदेश में एक दिन में 400 करोड़ के करीब कारोबार प्रभावित हुआ है। राज्य में आठ हजार से अधिक बैंक कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल पर रहे, जिससे बैंक ग्राहकों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। प्रदेश के बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों ने कार्य का बहिष्कार किया और केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। बैंक कर्मचारी एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने बैंक कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया तो वे इस आंदोलन को उग्र रूप देंगे। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में बैंक कर्मियां ने धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। एक दिवसीय हड़ताल के चलते प्रदेश में 400 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संगठन (आई बैंक प्रदेश इकाई) के सचिव गोपाल शर्मा ने बताया कि यह हड़ताल केंद्रीय कार्यकारिणी के आह्वान पर सभी राज्यों में की गई है। बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों की हड़ताल के चलते बैंकों के कई और भी आवश्यक कार्य प्रभावित हुए हैं। कर्मचारियों के कार्य न करने से जनता को दिक्कतें झेलनी पड़ी। संघ के सचिव गोपाल शर्मा ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो आगामी समय में यह इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा। एटीएम में कैश की कमी बैंकों में अवकाश व हड़ताल के चलते लोग एटीएम से भी ट्रांजेक्शन नहीं पाए। चूंकि अधिकांश एटीएम में कैश ही उपलब्ध नहीं था। एटीएम में कैश न होने के कारण जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं क्रिसमस मनाने पहुंचे सैलानियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
विरोध
बैंकों का विलय नहीं होना चाहिए, बैंकर्स की सुरक्षा सुनिश्चित हो
थर्ड पार्टी प्रोडेक्ट की मिससेलिंग
इंश्योरेंस प्रीमियम कम किया जाए
मांगें
सभी स्केल्स एक से सात के लिए वेतन वृद्धि, बढ़ोतरी चार्टर ऑफ डिमांड के अनुसार हो
वर्किंग ऑवर्स सुनिश्चित किए जाए, बैंकों में 5-डेज वीक हो
फैमिली पेंशन और पेंशन का अपग्रेडेशन किया जाए