मंडी शहर में महिलाओं की मौज

उत्तर भारत की पहली सेफ सिटी बनेगी छोटी काशी, गुजरात का मॉडल लाने की तैयारी

मंडी —मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी में गुजरात का सेफ सिटी मॉडल लागू किया जाएगा। इस मॉडल के लागू होते ही मंडी शहर उत्तर भारत की पहली सेफ सिटी बन जाएगा। सेफ सिटी का मूल उद्देश्य महिला सुरक्षा है, लेकिन इस प्रोजेक्ट में शहर की सड़कों पर होने वाले क्राइम और एक्सीडेंटल क्राइम पर भी रोक लगेगी। इस प्रोजेक्ट को नाम दिया गया है ‘सेफ सिटी’। सेफ सिटी में मंडी शहर को अत्याधुनिक 200 सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा। इनमें शहर के सार्वजनिक स्थलों के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों से ही नजर रखी जा सकेगी। खास बात यह है कि सड़कों पर चले रहे संदिग्धों की फेस डिटेक्शन तक होगी। यही नहीं, अगर कोई संदिग्ध कार मंडी शहर में एंटर होती है तो कार के शहर में दाखिल होत ही ऑटोमेटिक पुलिस कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा। शहर के सार्वजकि स्थल में कोई लावारिस बैग रख देता तो भी दस सेकंड के भीतर ही कंट्रोल रूम में अलार्म बज जाएगा। यह सब सेफ सिटी प्रोजेक्ट में मिलेगा। सेफ सिटी इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने का बीड़ी उठाया है डीएसपी हैडक्वार्टर हितेश लखनपाल ने। प्रोजेक्ट की डीपीआर को जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारी की जा रही है। सेफ सिटी प्लान के तहत बहुत जल्द हाई रेजुलेशन सीसीटीवी कैमरे शहर के चौराहों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में लगेंगे और एक कंट्रोल रूम तैयार होगा जहां सारी मानिटरिंग होगी। सेफ सिटी की डीपीआर भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा बनाई जाएगी। इसके तहत शहर में 200 सीसीटीवी कैमरा लगाने के साथ ही डिटिटल स्क्रीन तक लगाई जाएंगी। इस कार्य के लिए करीब आठ से 10 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है।

सूरत में काम

गुजरात के सूरत में सेफ सिटी का मॉडल काम कर रहा है। अब मंडी को सेफ बनाने की कसरत में मंडी पुलिस जुट गई है।

250 मीटर तक जूम

सेफ सिटी के तहत शहर में ऐसे सीसीटीवी कैमरा भी लगाए जाएंगे, जो 250 मीटर तक जूम कर ऑब्जेक्ट पर फोकस कर सकेंगे। इसके अलावा नाइट विजन में गाड़ी नंबर ट्रेस करने के लिए भी स्पेशल कैमरा लगेंगे।