इंटरनेट बंद, बैंकिंग-सरकारी कामकाज ठप

केलांग—बीएसएनएल ने रोहतांग दर्रा होकर मनाली से लाहुल घाटी के बीच ऑपटिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए, लेकिन लाहुल में दूरसंचार व्यवस्था पूरी तरह से दौड़ नहीं पाई। बताया जा रहा है कि भूमिगत केबल बिछाने के दौरान विभाग ने खुदाई के काम में तय नियमों की धज्ज्यिां उड़ाई। मानकों के मुताबिक जमीन को करीब पांच फुट गहरा खोद कर ऑपटिकल फाइबर बिछाया जानी थी, लेकिन महज दो से तीन फुट जमीन की खुदाई करके निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया, जिसका खमियाजा जनजातीय जिला के लोगों आज भुगतना पड़ रहा है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक मनाली से लाहुल के बीच बिछाई गई ओएफसी में बार-बार कट लगने से इतने ज्वाइंट लगे हैं कि अब टेलीफोन और इंटरनेट की तरंगे बीच रास्ते में ही कमजोर पड़ रही हैं, जिस कारण घाटी में फोन और इंटरनेट सेवा प्रभावित हो रही है। हालात ऐसे हैं कि अब तो मनाली से लाहुल के बीच बिछाई गई केबल का 80 फीसदी हिस्सा जमीन के ऊपर से ही गुजर रहा है। ऐसे में हल्की बर्फबारी के कारण तारों में खिंचाव पैदा होने से दूरसंचार सेवा ठप हो जाती है। लाहुल घाटी में पिछले चार दिनों से इंटरनेट और टेलीफोन सेवा ठप है। पंचायत प्रधान संघ के अध्यक्ष सतप्रकाश और जिप अध्यक्ष रमेश रोलवा ने कहा कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है। इंटरनेट सेवा ठप हो जाने से लाहुल में बैंकिंग और तमाम अन्य सरकारी कामकाज भी बंद हो गए हैं। सत्य प्रकाश ने कहा कि बीएसएनएल जनजातीय लोगों को सुचारू दूरसंचार सेवा मुहैया करवाने में नाकाम साबित हुआ है। घाटी में दूरभाष केंद्रों को स्थापित करने और ओएफसी बिछाने के लिए केंद्र सरकार ने करोंड़ों रुपए पानी की तरह बहाए हैं, लेकिन लोगों तक इसका फायदा नहीं पहुंच रहा है। रमेश रोलवा ने कहा कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि घाटी में इंटरनेट और टेलीफोन सेवा ठप हो गई है। सीजन के दौरान ओएफसी कटने का ठीकरा हमेशा बीआरओ पर मढ़ा जाता है, लेकिन अब दूरसंचार सेवा ठप होने के पीछे खुद बीएसएनएल के पास जवाब नहीं है। उधर, केलांग में तैनात बीएसएनएल के सहायक अभियंता श्यामलाल का कहना है कि सिस्सू,पलचान के बीच ओएफसी में अत्याधिक ज्वाइंट के कारण तारों की क्षमता कम हो गई है साथ ही सेटलाइट मीडिया में तकनीकी खराबी आ गई है, जिस कारण टूजी सेवा ठप है।