गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों पर हो कड़ी कार्रवाई

By: Jan 25th, 2019 12:05 am

हमीरपुर—हिमाचल सरकार द्वारा जेओए (आईटी) के भर्ती नियमों में संशोधन कर निजी संस्थानों से किए गए डिप्लोमा वाले अभ्यर्थियों को अथवा प्राइवेट संस्थानों से किए गए डिप्लोमा वाले अभ्यर्थियों को बाहर का रास्ता दिखाया है, लेकिन ऐसा नहीं है। बेरोजगार संघ के अभ्यर्थियों राज, सुशील, प्रेम लता, कल्पना, सीमा, पंकज, पवन, राहुल, प्रवीन, विनोद, अंकुर, मनीष, संदीप व विवेक इत्यादि ने कहा कि सरकार ने रूल्स में ऐसा कोई संशोधन नहीं किया है। अगर पुराने आर एंड पी रूल्स को देखंे तो मान्यता प्राप्त संस्थानों से किए गए डिप्लोमा का ही उल्लेख किया गया है। अगर संशोधित नियमों को देखा जाए तो उसमें भी मान्यता प्राप्त संस्थानों से किए गए डिप्लोमा का ही उल्लेख किया गया है। बेरोजगार संघ के अभ्यर्थियों ने बताया कि ऐसा भ्रम इसलिए फैलाया जा रहा है, क्योंकि कुछ अभ्यर्थियों ने पोस्ट कोड 556 में अप्लाई किया था। ये पात्रता मापदंड को पूरा नहीं करते थे व गैर मान्यता प्राप्त डिप्लोमाधारक हैं। अब ये अपात्र अभ्यर्थी निजी संस्थानों का सहारा लेकर राज्यभर में माहौल खराब करने में लगे हुए हैं। निजी संस्थान भी मानकों की अनदेखी कर तय मापदंडों की धज्जियां उड़ा कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। निजी संस्थानों को चलाने वाले लोग तय मापदंडों को दरकिनार कर लोगों को भ्रमित करके अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। इससे शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। निजी संस्थानों को किसी भी कोर्स को करवाने के लिए एआईसीटीई व यूजीसी तकनीकी शिक्षा बोर्ड इत्यादि से मान्यता लेनी पड़ती है। इससे शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके, लेकिन हिमाचल प्रदेश में बहुत सारे ऐसे संस्थान हैं, जो कि सरकार द्वारा तय नियम शर्त को दरकिनार कर आम जनमानस को ठगने का काम सुचारू रूप से करते हैं। कम्प्यूटर कोर्स के नाम पर युवाओं से भारी भरकम फीस वसूलकर संबद्धता और मान्यता के लिए टेक्निकल बोर्ड से परमिशन नहीं लेते हैं। इस विषय पर हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग (एचपीपीईआरसी) विभाग अपनी वेबसाइट पर इन निजी संस्थानों को लोगों को गुमराह न करने से संबंधित नोटिस भी निकाले जाते हैं, लेकिन निजी संस्थान इन नियमों के प्रारूप की अनदेखी करते हैं। किसी भी गैर मान्यता प्राप्त संस्थान को एक वर्ष या उससे अधिक अवधि का डिप्लोमा देने का अधिकार ही नहीं है। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि जल्दी ही वे नियामक आयोग (एचपीपीईआरसी) तथा जिला स्तर पर देखरेख करने वाले संबंधित उपायुक्त को इन गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों के बारे में सूचित करेंगे, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर जल्द ही इन गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों के विरुद्ध उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे इस मामले को उच्च न्यायालय के समक्ष रखने से भी पीछे नहीं हटेंगे।


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