डा. जोगिता बत्रा के प्रोजेक्ट को यूजीसी की मंजूरी

चंडीगढ़ – एमसीएम डीएवी कालेज सभी क्षेत्रों में अग्रणी है जिनमें शोध भी एक ऐसा ही क्षेत्र है, जिसमें एमसीएम हमेशा आगे ही रहा है। एमसीएम अध्यापिकाओं द्वारा किए गए विविध प्रतिष्ठित प्रोजेक्टों की सूची में फिजिक्स विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. जोगिता बत्रा का नाम भी जुड़ गया है, जिन्होंने यूजीसी के ऑटोनोमस रिसर्च सेंटर इंटर यूनिवर्सिटी एक्सीलेटर सेंटर से सस्टेनेबल एनर्जी रिसोर्सेज पर प्रोजेक्ट करने हेतु 6.75 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति प्राप्त की है। इस प्रोजेक्ट का केंद्रीय उद्देश्य चालको जिनेसाइड फोटो वोल्टिक सामग्रियों की स्ट्रक्चरल, ऑप्टिकल, ट्रांसपोर्ट एवं थर्मोइलेक्ट्रिक विशेषताओं के बीच संबंधों को स्थापित करना है। डा. बत्रा के अनुसार विश्वभर में एनर्जी की लगातार बढ़ती मांग के कारण इसका महत्त्व अत्यधिक है तथा परिवेश से प्राप्त व्यर्थ उष्णता जैसे सस्टेनेबल एनर्जी संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बहुत अधिक है। डा. बत्रा के अनुसार विश्वभर में एनर्जी की लगातार बढ़ती मांग के कारण इसका महत्त्व अत्यधिक है तथा परिवेश से प्राप्त व्यर्थ उष्णता जैसे सस्टेनेबल एनर्जी संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बहुत अधिक है।