पंचवटी के धार्मिक स्थल

By: Jan 26th, 2019 12:06 am

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र थे। श्री राम जिन्होंने अपने पिता के कहने पर 14 साल का वनवास स्वीकार किया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रीराम को ये वनवास राजा दशरथ के एक वचन के कारण लेना पड़ा था, जो उन्होंने अपनी पत्नी कैकेयी को दिया था। एक आज्ञाकारी पुत्र की तरह उन्होंने अपने पिता के वचन का आदर करते हुए हंसते-हंसते स्वीकारा था। इस 14 साल के वनवास में उनके भाई लक्ष्मण और अर्द्धांगिनी सीता भी उनके साथ थे। श्रीराम अपने वनवास के दौरान कहां-कहां रहे थे और जहां वो रहे वो स्थान आज के समय कहां और कैसे दिखते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर वो कौन से स्थान हैं, जहां श्रीराम ने अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता संग वनवास काटा था।

नासिक पंचवटी का कुंड– नासिक पंचवटी में अरुणा नदी के किनारे बने कुंड के बारे में कहा जाता है कि श्रीराम अपने वनवास के समय यहां आए थे। कहा जाता है कि इस कुंड को इंद्र कुंड के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि कुछ कथाओं के अनुसार जब महर्षि गौतम ने इंद्र को श्राप दिया था, तो वो इसी कुंड में स्नान करने आए थे और यहीं उनके शरीर के छिद्र दूर हो गए थे।

पंचवटी कपालेश्वर-  ये भी नासिक के पंचवटी का एक प्रसिद्ध स्थान है, जहां श्रीराम ने वनवास के दौरान काफी समय बिताया है। बात उस समय की है, जब ब्रह्म देव के पांच मुख थे। चार मुख तो भगवान की अर्चना करते थे, लेकिन एक मुख सदैव बुराई करता था। तब भगवान शिव ने उनके उस मुख को ब्रह्मदेव के शरीर से अलग कर दिया था। जिसकी वजह से भगवान शिव को ब्रह्म हत्या का पाप लगा। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव ने गोदावरी के रामकुंड में स्नान किया था।

कालाराम मंदिर- पंचवटी गोदावरी से लगभग 220 गज पर बस्ती में कालाराम मंदिर बना है। देखने में मंदिर काफी विशाल है, यहां प्रभु श्री राम, लक्ष्मण और सीता माता की मूर्तियां स्थापित हैं।

गुफा- गोदावरी से थोड़ी दूर पर एक वट वृक्ष है, जिसे पंचवटी के नाम से जाना जाता है। यहां पर वर्तमान में 5 वृक्ष हैं और उनके पास एक मकान में गुफा बनी है, जहां अंदर जाने पर राम लक्ष्मण सीता की छोटी-छोटी मूर्तियां देखने को मिलती हैं।

नीलकंठेश्वर मंदिर- नासिक में नीलकंठेश्वर शिव मंदिर को लेकर ये मान्यता प्रचलित है कि महाराज जनक ने यहां यज्ञ करके मूर्ति की स्थापना की थी।

रामकुंड- रामकुंड गोदावरी नदी पर स्थित है, जो असंख्य तीर्थ यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां भक्त स्नान के लिए आते हैं। यह माना जाता है कि जब भगवान श्री राम नासिक आए थे, तो उन्होंने यहीं स्नान किया था। यह एक प्रसिद्ध और पवित्र धार्मिक स्थल है।


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