सर्वक्रतुफलं भद्रे सर्वव्रत फलं तथा। सर्वदानोद भवं पुण्यं लभते नात्र संशयः।। विवादे कलहे घोरे महादुःखे पराजये। ग्रहदोषे महारोगे पठेस्तोत्रं विचक्षणः।। सर्वदोषाः विनश्यंति लभते वांछितं फलम। दूतीयागे पठेद्देवि सर्वशत्रुक्षयो भवेत।। महाचक्रे पठेद्देवि लभते परम पद्म। पूजांते पठते भक्त्या महाबलि फलप्रदम।। पितृगेहे तुर्यपथे शून्यागारे शिवालये। बिल्वमूले चैकवृक्षे रतौ मधुसमागमे।। पठेत्स्तोत्रं महेशनि जीवन्मुक्त्स उच्यते। त्रिकालं पठते नित्यं देवी

प्रियंका गांधी वाड्रा के अधिकृत तौर पर राजनीति में प्रवेश पर बहसें अब लंबी चलेंगी। अभी तो कार्यभार भी नहीं संभाला, लेकिन सूत्रों के मुताबिक खबर सार्वजनिक हो गई है कि प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। 2019 चुनाव के लिए भाजपा ने नारा तय किया है-फिर एक बार मोदी सरकार। वाराणसी भी

फास्ट फूड हमारी सेहत के लिए कितना खतरनाक है ये तो हम सभी जानते हैं, लेकिन इन सब के बाद भी हम खुद को इसे खाने से रोक नहीं पाते। कभी दोस्तों के साथ के बहाने, तो कभी अपने मन के बहाने, फास्ट फूड खाने का कोई न कोई बहाना हम ढूंढ ही निकालते हैं।

अलक्ष्मीपाप-संयुक्तो मलव्याधि-समन्वितः। मुक्तः सहस्रजाप्येन स्नायाद्यस्सतु जलेन वै। 90। जल में स्नान करके एक हजार बार जप करने से अलक्ष्मी, पाप, मल व्याधि नष्ट हो जाते हैं… -गतांक से आगे… अलक्ष्मीपाप-संयुक्तो मलव्याधि-समन्वितः। मुक्तः सहस्रजाप्येन स्नायाद्यस्सतु जलेन वै। 90। जल में स्नान करके एक हजार बार जप करने से अलक्ष्मी, पाप, मल व्याधि नष्ट हो जाते हैं।

27 जनवरी रविवार,माघ, कृष्णपक्ष, सप्तमी, स्वामी विवेकानंद जयंती 28 जनवरी सोमवार, माघ, कृष्णपक्ष, अष्टमी 29 जनवरी मंगलवार, माघ,  कृष्णपक्ष, नवमी 30 जनवरी बुधवार,  माघ,  कृष्णपक्ष, दशमी 31 जनवरी बृहस्पतिवार, माघ,  कृष्णपक्ष, एकादशी, षट्तिला एकादशी व्रत 1 फरवरी शुक्रवार, माघ, कृष्णपक्ष, द्वादशी 2 फरवरी शनिवार, माघ, कृष्णपक्ष, त्रयोदशी, शनि प्रदोष व्रत

हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, हनुमान जी को वानर के मुख वाले अत्यंत बलिष्ठ पुरुष के रूप में दिखाया जाता है। इनका शरीर अत्यंत मांसल एवं बलशाली है। उनके कंधे पर जनेऊ लटका रहता है। हनुमान जी को मात्र एक लंगोट पहने अनावृत शरीर के साथ दिखाया जाता है। वह मस्तक पर स्वर्ण मुकुट एवं

किसी भी देश, राष्ट्र, जाति, संप्रदाय अथवा समूह के प्ररेणात्मक उत्प्रेरकों का अनवरत संचालन, संरक्षण ही कालांतर में परंपराओं, संस्कृतियों अथवा संस्कारों का रूप धारण कर लेता है। ये संस्कार, संस्कृतियां अथवा परंपराएं न केवल समाज को जीवंत व सक्षम ही बनाती हैं,अपितु प्रत्येक अनुकूल व विपरीत परिस्थितियों में भी उसका मार्गदर्शन, मार्गशोधन भी करती

*बहुत ज्यादा कफ  हो तो एक-दो बूंद लौंग का तेल बताशे पर डालकर इस बताशे को चूसते रहें। ऐसा करने से जमा हुआ कफ ढीला होकर बाहर निकल जाएगा। * दांतों में दर्द होने पर रूई के फाहे को लौंग के तेल में भिगोकर दर्द वाली जगह पर दबाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें।

सरकार ने सिरधड़ की बाजी लगाकर आसमान के रास्ते पर्यटक सुविधाओं  में इजाफा किया था, लेकिन चंडीगढ़ और शिमला के बीच हेलिटैक्सी का जादू अपना पूरा शो नहीं दिखा सका। इसके अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन हिमाचल के पर्यटक स्थलों का चंडीगढ़ से जुड़ना एक लंबी अवधि की परिकल्पना में अनिवार्यता बना रहेगा। हेलिटैक्सी

डा. आसवन ने अपने शोध में एक ऐसे बर्तन विक्रेता का उल्लेख किया है, जो घर से टहलने के लिए निकला था, किंतु अचानक गायब हो गया। दो वर्ष ऐसे ही बीत गए। इसके बाद अचानक उस बर्तन विक्रेता को पूर्व जन्म की स्मृति जगी… —गतांक से आगे… सत्य ही अनुकूल परिस्थितियां पाकर अर्थात दुर्बल