कसौली के जंगल में फेंक दी सरकारी दवाइयां

दत्यार में एनएच-5 के पास स्वास्थ्य विभाग ने डंप की पैरासिटामोल सिरप की 220 शीशियां

कसौली —हिमाचल सरकार द्वारा लोगों को मुफ्त इलाज के लिए मुहैया करवाई जा रही दवाओं को बर्बाद किया जा रहा है। सरकारी दवाओं को लोगों तक पहुंचाने के बजाय उसकी एक्सपायरी कर गैर कानूनी रूप से जंगलों में कचरे की शक्ल में फेंका जा रहा है। ‘दिव्य हिमाचल’ ऐसी ही एक्सक्लूसिव रिपोर्ट आपके सामने रख रहा है, जिसे पढ़कर आप भी सोचेंगे कि लोगों की मेहनत की कमाई से मिलने वाले टैक्स का यह दुरुपयोग क्यों हो रहा है।  दरअसल जिला सोलन की कसौली तहसील के दत्यार  में एनएच-5 के साथ गवर्मेंट सप्लाई खरीदी गई पैरासिटामोल सिरप की करीब दो सौ बोतलें कचरे के रूप में लापरवाहपूर्ण तरीके से फेंकी पाई गई हैं।  स्थानीय लोगों ने इस कचरे का पुरजोर विरोध किया है, जिस पर लोगों ने इस लापरवाही के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पंचायत के माध्यम से सरकार को शिकायत देने का फैसला किया है।  प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी अतुल परमार से इसकी शिकायत पर उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस पर एक्शन लेंगे। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या स्वास्थ्य विभाग दवाओं के वितरण संबंधी रिकार्ड को सही से नहीं रख रहा है, जो इस प्रकार गवर्मेंट सप्लाई की दवाओं को एक्सपाइरी कर कचरे की तरह सड़कों पर फेंक दिया गया है।  स्थानीय निवासी घनश्याम शर्मा ने कहा कि दत्यार में मिडल स्कूल से करीब 100 मीटर की दूरी पर  एक्सपायरी डेट की सरकारी दवाओं को फेंका गया है, जिससे इलाके में काफी दुर्गंध फैल गई है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत इस कचरे को हटाने व दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग उठाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की सेहत पर इस बायो मेडिकल बेस्ट का गंभीर असर हो सकता है, इसलिए एहतियातन कदम उठाए जाएं। लोगों ने सरकार से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।