टीएमसी कर्मी को स्वाइन फ्लू
कांगड़ा—स्वाइन फ्लू बीमारी की चपेट में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी आने लगे हैं। डा. राजंेद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में एक कर्मचारी में बीमारी की पुष्टि हुई है। इससे पहले अस्पताल का ही एक चिकित्सक भी बीमारी से ग्रस्त हो चुका है। साथ ही अस्पताल में गुरुवार रात को जिला कांगड़ा के ही इंदौरा से संबंध रखने वाले एक मरीज की मृत्यु भी हुई है। इन बीमारी के मामलांे के सामने आने के बाद टीएमसी में अभी तक जिला कांगड़ा सहित चंबा व हमीरपुर से 38 मरीज अस्पताल में पहुंच चुके हैं। जबकि अस्पताल में चार लोगांे की मृत्यु भी दर्ज हो चुकी है। हिमाचल प्रदेश में स्वाइन फ्लू बीमारी के मामले जनवरी माह में सर्वाधिक दर्ज किए गए हैं। इस जनवरी माह में ही डा. राजंेद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में 38 मामले इस बीमारी के सामने आ चुके हैं। शुक्रवार को टीएमसी में ही माइक्रोबायोलॉजी विभाग में तैनात एक कर्मचारी का टेस्ट किया गया था टेस्ट में कर्मचारी में रोग की पुष्टि हो गई है। इसके अलावा गुरुवार रात्रि को भी तीन मरीजांे में रोग की पुष्टि हुई थी। इसमें से एक मामला जिला कांगड़ा के इंदौरा तथा एक मरीज मटौर से संबंध रखने वाला है। वहीं, एक मरीज चंबा जिला के समोट से टीएमसी पहुंचा था। गुरुवार को इंदौरा से संबंध रखने वाले मरीज को नूरपुर से टीएमसी रैफर किया गया था, लेकिन उसकी रात को मृत्यु हो गई। इन मामलांे के चलते जिला कांगड़ा के ही अब तक 30 मरीज बीमारी से ग्रस्त हो चुके हैं। इसमें से तीन मरीजांे की मृत्यु भी दर्ज की गई है। इसके अलावा हमीरपुर के दो जिसमें एक की मृत्यु हुई है। जबकि मंडी जिला से एक तथा चंबा के पांच मामले टीएमसी पहुंचे हैं। उधर, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक टीएमसी डा. सुरिंद्र सिंह भारद्वाज ने बताया कि शुक्रवार को स्वाइन फ्लू का एक मामला सामने आया है। अस्पताल के ही एक कर्मचारी में रोग की पुष्टि हुई है, जबकि नूरपुर से रैफर हुए एक मरीज की गुरुवार देर रात अस्पताल में मृत्यु हुई है।
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