सरकार की काबिलीयत में जिलों की कमान-2

By: Feb 4th, 2019 12:08 am

हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। सरकार की जनमंच जैसी पहल से लोग सबसे अधिक खुश हैं। जनमंच के जरिए अब लोगों की शिकायतें तुरंत दूर होने लगी हैं।  सरकार की कामयाबी के पीछे उन अधिकारियों का योगदान भी कम नहीं , जो सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं। इस बार दखल के जरिए हमीरपुर, लाहुल-स्पीति, कुल्लू के जिला मुखिया की परफार्मेंस पेश कर रहे हैं… 

शालिनी राय भारद्वाज, आशीष शर्मा और नीलकांत भारद्वाज

डा. ऋचा वर्मा

हमीरपुर को दिलाया बेस्ट लीडरशिप

2012 बैच की आईएएस अधिकारी डा. ऋचा वर्मा ने हमीरपुर में उपायुक्त का कार्यभार संभालने के बाद जिला के लिए कई योजनाओं का आगाज किया। उन्होंने पोषाहार और स्वच्छता मुहिम को ऐसे आगे बढ़ाया कि जिला हमीरपुर को बेस्ट लीडरशिप अवार्ड से नवाजा गया…

एजुकेशन हब के नाम से फेमस हमीरपुर आने वाले समय में पोषाहार और स्वच्छता के लिए भी जाना जाएगा, ऐसा जिले में इस दिशा में हो रहे कामों को देखकर लगता है। आपको बता दें कि जिले की मौजूदा उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा के आठ माह के कार्यकाल में जिले को देश स्तर पर दो अवार्ड मिल चुके हैं। डीसी हमीरपुर को पोषाहार के लिए ग्रामीणों खासकर महिलाओं को जागरूक करने के लिए बेस्ट लीडरशिप अवार्ड मिल चुका है, इसके साथ ही जिले में करवाए गए स्वच्छता, शिक्षा,स्वास्थ्य समेत 12 मानकों पर खरा उतरने पर हमीरपुर  को जेआरडी टाटा मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। पोषाहार की बात करें तो जिला की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूहों आदि को अपना खान-पान सुधारने और अपने खेतों में बोए जाने वाले अनाज और सब्जियां आदि खाने के लिए प्रेरित किया गया। यही नहीं, जो भी त्योहार आता है, उसमें बनाए जाने वाले व्यंजनों की गुणवत्ता के बारे में आंगनबाड़ी वर्कर घर-घर जाकर लोगों को बताते हैं।

शहरों में लगवाए फ्री डस्टबिन

स्वच्छता की बात करें तो उपायुक्त ने शहरी इलाकों को डस्टबिन फ्री करने का प्लान तैयार किया गया है। अभी  मुख्यालय में  घर-घर जाकर लोगों के घरों से कूड़ा उठाया जाता है। लोगों को जागरूक करने के लिए सुबह कचरे की गाड़ी आती है, जिसमें बाकायदा स्वच्छता अपनाने और शहर को साफ-सुथरा रखने के गीत लगाए जाते हैं।

आजीविका मिशन सरीखी पहल

जिला के स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशासन उनके स्टाल लगाकर न केवल उनका मनोबल बढ़ाता है बल्कि भविष्य में उनके लिए योजनाएं भी बनाई जा रही हैं। स्वयं सहायता समूह न्यू आजीविका मिशन में महिलाओं द्वारा बनाए गए पपीते के पेड़े प्रशासन को इतने पसंद आए कि अब उनकी प्रोपर फूड लाइसेंसिंग करवाई गई है। इस समूह को बड़े-बड़े आर्डर मिल रहे हैं। आगे की योजना है कि उन्हें डिब्बे बनाने की मशीन मुहैया करवाई जाएगी और इस समूह को पपीते के पौधे दिए जाएंगे ,ताकि अधिक से अधिक पैदावार पपीतों की हो सके।  वहीं, उपायुक्त का कहना है कि हमारा प्रयास है कि हमीरपुर जिला हर क्षेत्र में आगे रहे।

 पत्तलों को तरजीह

हमीरपुर मे पोलिथीन को पूरी तरह से खत्म करने के लिए रूटीन में तो काम हो ही रहा है, उसके अलावा एक शुरुआत की गई है कि जनमंच जैसे जो भी सरकारी कार्यक्रम हो रहे हैं , उनमें धाम के मौके पर डिस्पोजल गिलास और प्लेटों की जगह पत्तलों का प्रयोग किया जा रहा है। इससे एक तो पत्तलों का काम करने वालों को रोजगार मिल रहा है, दूसरा समारोहों में गुम हो रहे पत्तलों की मांग फिर से बढ़ने लगी है।

खेल मैदानों को तवज्जो

युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए भी प्रशासन की ओर से खेल विभाग के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। खेल मैदानों की कमी को देखते हुए कई पंचायतों में प्लेग्राउंड बनाने के लिए जमीनें भी ट्रांसफर की गई हैं। यही नहीं, स्कूलों में खेल मैदानों को भी डिवेलप किया जा रहा है।

बच्चियों को फ्री कोचिंग

उपायुक्त ने जिला के  होनहार बच्चों को भविष्य में कंपीटीशन एग्जाम और सही राह चुनने के लिए प्लान तैयार किया, जिससे  10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक लेने वाली बच्चियों की फ्री में करियर काउंसिलिंग करवाने का प्रावधान किया गया है। यह काउंसिलिंग एनआईटी के एक्सपर्ट से करवाई जाती है।

अश्वनी कुमार चौधरी

 लाहुल के पर्यटन को लगाए पंख

लाहुल-स्पीति में बतौर उपायुक्त ज्वाइन करने के बाद 2011 बैच के आईएएस अधिकारी अश्विनी कुमार ने अपनी प्राथमिकताओं में जिला में पर्यटन को बढ़ावा देना शामिल किया था।  उनके  इस दिशा में किए जा रहे प्रयास कामयाब होते प्रतीत हो रहे हैं….

उपायुक्त लाहुल-स्पीति बैच 2011 के आईएएस अधिकारी अश्वनी कुमार चौधरी जिला को अन्य जिलों की तुलना में शीर्ष पर पहुंचाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। लाहुल में चाहे महिलाओं की सुरक्षा की बात हो या फिर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की। दोनों ही क्षेत्रों में उन्होंने बेहतरीन कार्य कर जिला को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। अश्वनी कुमार चौधरी ने अपनी प्राथमिकता में लाहुल-स्पीति में पर्यटन को बढ़ावा देने को शामिल किया है, जिसमें वह कामयाब होते भी नजर आ रहे हैं। यहां पहुंचने वाले सैलानियों को बेहतर सुविधा प्रदान करवाने के लिए जहां उन्होंने समर सीजन के लिए मास्टर प्लान तैयार करवाया है, वहीं लाहुल-स्पीति में चले प्रदेश के सबसे बड़े रेस्क्यू अभियान में करीब पांच हजार सैलानियों को सुरक्षित घाटी से बाहर निकाला है। जनजातीय उत्सव में पहली बार एक हजार लोगों ने एक साथ लाहुली नृत्य किया और उत्सव के इतिहास में एक और नया अध्याय जोड़ा। लाहुल में खिलाडि़यों व युवाओं के लिए फिटनेस जिम में नई मशीनों को उपलब्ध करवा युवाओं का दिल भी जीतने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी।

पांच हजार जिंदगियां बचाई

जिल लाहुल-स्पीति घूमने आए सैलानी जब वर्ष 2018 के सितंबर  में घाटी में हुए अचानक भारी हिमपात के बीच फंस गए, तो उपायुक्त अश्वनी कुमार चौधरी ने खुद इस रेस्क्यू अभियान में शामिल होकर घाटी के विभिन्न स्थलों पर बर्फबारी में फंसे पांच हजार सैलानियों को सुरक्षित घाटी से बाहर पहुंचाया।

फसलों के लिए गाडि़यों की सुविधा

 लाहुल-स्पीति के किसानों की आर्थिकी मटर, आलू  और फूल गोभी की फसल पर निर्भर रहती है। ऐसे में  फसल के लिए जहां समय पर लाहुल में किसानों को ट्रक उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे,तो उपायुक्त ने बाहरी जिलों के ट्रक यूनियन के अध्यक्षों से बात कर  घाटी में किसानों को गाडि़यां उपलब्ध करवाईं।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का प्रण

लाहुल-स्पीति के जिला मुख्यालय केलांग में मौजूद अस्पताल में लोगों को बेहतर सुविधाएं मिले, इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। यहां पर विशेषज्ञों की तैनाती के लिए सरकार को प्रशासन द्वारा रिपोर्ट भी भेजी गई है।

स्वरोजगार से जोड़े युवा

लाहुल-स्पीति में हर साल समर सीजन में घूमने आने वाले सैलानियों को घाटी में ठहरने की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए स्थानीय लोगों के साथ उपायुक्त ने बैठकें की और पर्यटन करोबार से संबंधित कारोबारियों के साथ चर्चा भी की। इसका परिणाम यह सामने आया है कि क्षेत्र के कुछ युवाओं ने जहां जिला में बड़े पैमाने पर कैंपिंग का कारोबार शुरू किया, वहीं सैलानियों को भी लाहुल में ठहरने की अच्छी सुविधा मिली।

यूनुस ने कुल्लू दशहरे को दिलाया अंतरराष्ट्रीय दर्जा

वर्ष 2010 बैच के आईएएस अधिकारी युनुस ने कुल्लू दशहरे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलाने का अहम काम किया है । वैसे   तो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का उत्सव कहा जाता है, लेकिन आधिकारिक तौर पर सात अप्रैल 2017 को कुल्लू दशहरे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिला…

 पहाड़ी पर लिखा जाएगा कुल्लू-मनाली का नाम

आने वाले कुछ माह में कुल्लू  व मनाली की पहाड़ी पर कुल्लू और मनाली का नाम लिखा जाएगा, ताकि देश विदेश से कुल्लू-मनाली घूमने आने वाले सैलानी यहां प्रवेश करते ही देख लेंगे कि वह पर्यटन नगरी कुल्लू-मनाली में प्रवेश कर चुके हैं। यह नाम रात के समय में बेहद खूबसूरत दिखेगा।

पोलिथीन पर लगाई रोक

उपायुक्त यूनुस ने पोलिथीन के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसका नतीजा यह है कि आज दुकानों में पोलिथीन किसी सामान में इस्तेमाल नहीं होता है। यहां तक कि दशहरे के दौरान भी पोलिथीन का इस्तेमाल नहीं होता है।

जिला कुल्लू में बतौर उपायुक्त ज्वाइन करने के बाद से 2010 बैच के आईएएस अधिकारी यूनुस ने अपनी प्राथमिकताओं में जिला कुल्लू को तरक्की के नए आयाम तक पहुंचाया है।   बुजुर्गों, महिलाओं , शहीदों के सम्मान में जो काम किए हैं, उन्हें लोग ताउम्र याद रखेंगे। इसी के साथ उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देना भी अपनी प्राथमिकताओं मं शामिल किया और वह इस दिशा में कामयाब होते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हॉलीवुड की तर्ज पर पहाड़ी पर कुल्लू व मनाली लिखने जैसे विजन को तैयार किया है। उन्होंने  वालीवुड कलाकारों को बतौर गेस्ट सनी दियोल व दिप्ती नवल को बुलाकर नई पहल की है। इसी के साथ भुंतर हाई-वे पट्टी के रन-वे को बढ़ाने के लिए प्रारूप तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा गया है। इसके अलावा कुल्लू दशहरा को वैसे तो अंतरराष्ट्रीय कहा जाता था, कहा जाता है, लेकिन आधिकारिक तौर पर आईएएस यूनुस ने सात अप्रैल 2017 को दशहरा उत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने में कामयाबी हासिल की।  उपायुक्त ने पुराने भवन की जगह नए भवन को बनाने में पहल की है। जहां पर तहसील कार्यलय से लेकर उपायुक्त कार्यालय की नींव भी मुख्यमंत्री के हाथों रखवाई है। यहीं नहीं उपायुक्त ने शहीदों के परिजनों को सम्मान देकर नई  परंपरा का आगाज किया है।

नए साल का आगाज महाआरती के साथ

नए साल का आगाज उपायुक्त ने ब्यास आरती कर महाआरती के साथ किया। इस महाआरती में हजारों लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

स्वच्छता में जिला को दो बार मिला सम्मान

स्वच्छता के क्षेत्र में जिला कुल्लू को उपायुक्त दो बार देशभर में सम्मान दिला चुके हैं। इसी के साथ नेशनल गवर्नस क्लाम अवार्ड, भारत ज्योति अवार्ड, स्टेट सिविल सर्विस अवार्ड लेकर उपायुक्त ने जिला कुल्लू का नाम रोशन किया है।

सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाए 

जिला में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों पर भी उपायुक्त ने हटा कर अग्रणी कार्य किया। जिला प्रशासन के प्रयासों से कई अवैध कब्जे हटाने के साथ-साथ वन विभाग की उपयुक्त जमीन पर बड़े आउटडोर स्टेडियम बनाने का भी प्लान है, जिसके लिए 50 बीघा भूमि देखी गई है।

शहीदों के परिवारों को दिलाया सम्मान

शहीद परिवारों को सम्मान दिलाने में सबसे पहले पूरे प्रदेश में उपायुक्त यूनुस ने शुरुआत की।  उन्होंने पहले शहीद की बेटी को गोद लिया गया। फिर दशहरे में प्रदेशभर से दो शहीद परिवार के परिजनों को सम्मानित किया ।

युवाओं के लिए खोला ओपन एयर जिम

शहर के युवाओं के लिए ओपन एयर जिम भी खोला गया है। इसी के साथ उपमंडल स्तर पर भी ओपन एयर जिम खोले जा रहे हैं। खेलों को बढ़ावा देते हुए दशहरे में फिर से ग्रामीण खेलें शुरू की गई हैं।  इनडोर स्टेडियम का भी जल्द निर्माण यहां होगा।

ववेली-कसोल में बनाए नेचर पार्क

ववेली सहित कसोल में भी नेचर पार्क बनाए गए। इसी के साथ गुलाबा में सुलभ शौचालय का निर्माण सैलानियों की सुविधा के लिए किया गया, जहां पर ब्लॉक स्तर पर भी   शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है।

बेटी के जन्म पर प्रशंसा पत्र बुजुर्गों को डे-केयर सेंटर

उपायुक्त यूनुस ने बेटी के जन्म पर उपहार देने के साथ प्रशंसा पत्र देने की भी शुरुआत की। बेटी के जन्म पर जिला प्रशासन की ओर से  बधाई कार्ड, फूल व बच्चे को उपहार भेंट किए जाते हैं। इसी के साथ बुजुगों के लिए डे केयर सेंटर जिला मुख्यालय व उपमंडल स्तर पर खोले गए हैं।

कचरे से खाद-बिजली बनाने की पहल

कचरे से बिजली व खाद बनाने की पहल की प्रशासन द्वारा की जा रही है। जिसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि कचरे की दिक्कत को दूर किया जा सके।

एक स्कूल लिया गोद, मिल रही बेहतर शिक्षा

सरकारी स्कूलों के स्तर को बढ़ाने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा उपायुक्त ने जिला के एक सरकारी स्कूल को गोद लिया है, जहां पर बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुविधा दी जा रही


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