सरकार की काबिलीयत में जिलों की कमान-3

By: Feb 11th, 2019 12:08 am

देवभूमि के नाम से विख्यात हिमाचल  निरंतर प्रगति के डग भर रहा है। प्रदेश की जयराम सरकार ने कई नई योजनाएं शुरू की, जिनका जनता को फायदा हो रहा है। जनमंच सरीखी पहल तो लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है, क्योंकि लोगों की दिक्कतों का घर-द्वार समाधान किया जा रहा है।  बेशक यह सरकार की पहल है, लेकिन इसकी कामयाबी के पीछे उन अधिकारियों का योगदान भी कम नहीं , जो योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं। इस बार दखल के जरिए किन्नौर, धर्मशाला और मंडी के जिला मुखियाओं की परफार्मेंस पेश कर रहे हैं…   मोहिंद्र नेगी, पवन कुमार शर्मा और अमन अग्निहोत्री

गोपाल चंद

किन्नौर को पढ़ाया स्वच्छता का पाठ

गोपाल चंद ने किन्नौर में बतौर उपायुक्त कार्यभार संभालने के बाद जिला की सभी पंचायतों को सफाई की राह पर चलाया। उन्होंने पर्यटन, खेल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर इस दिशा में कई प्रयास किए। जिला में कई खेल मैदान बनाए जा रहे हैं…

उपायुक्त किन्नौर गोपाल चंद ने मौजूदा कार्यकाल के दौरान जिला की सभी 65 पंचायतों में सेनिटेशन प्रोग्राम शुरू किया है। इसके साथ ही लिक्यूड मैनेजमेंट के लिए अधिकांश पंचायतों को पैसा दिया गया है। किन्नौर की सभी पंचायतों में संपूर्ण स्वच्छता के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागृत किया जा रहा है। वहीं, शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी सभी स्कूलों को धन उपलब्ध करवाया जा रहा है। किन्नौर के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्रथम श्रेणी से ही अंग्रेजी विषय को अनिवार्य किया गया है। किन्नौर के प्राइमरी स्कूलों में कम्प्यूटर एजुकेशन शुरू करने के लिए जिला के 70 प्राइमरी स्कूलों को कम्प्यूटर दिए जा रहे हैं। प्रथम चरण में 35 स्कूलों को कम्प्यूटर उपलब्ध भी करवा दिए गए हैं। किन्नौर में कुछ एक ऐसे सरकारी प्राइमरी स्कूल भी हैं, जहां बच्चे बायोमीट्रिक मशीनों से हाजिरी लगा रहे हैं और स्मार्ट क्लासेज में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। किन्नौर के अधिकांश स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने के साथ स्टाफ की हाजिरी भी मशीनों से ही लगवाई जा रही है। उपायुक्त किन्नौर के अनुसार किन्नौर में पोलिथीन पर पूर्णता प्रतिबंध है। पोलीथिन के इस्तेमाल को लेकर कोई मामला नोटिस में भी नहीं आया है। प्रशासन की सख्ती के बाद व्यापारिक संस्थानों में भी प्लास्टिक के लिफाफों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसके अलवा जिला किन्नौर में जितने भी खेल मैदानों का  निर्माण का कार्य चल रहा था, उपायुक्त गोपाल चंद ने उन्हें गति दी है। आवश्यकतानुसार कई मैदानों को एडिशनल बजट भी उपलब्ध करवाया गया है। संगला, मालिंग, काफनू, रिकांगपिओ आदि स्थानों में बन रहे मैदानों के कार्य मे तेजी लाई गई है। रिकांगपिओ में पांच करोड़ 86 लाख रुपए की लागत से इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य चल रहा है, जो इस वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा। इसी तरह कल्पा में 10 करोड़ 92 लाख की लागत से यूथ होस्टल का भी निर्माण कार्य प्रगति पर है। रिकांगपिओ में ही दो करोड़ 38 लाख की लागत से स्टेडियम का भी कार्य चल रहा है जो इसी वर्ष तैयार हो जाएगा।  वहीं, किन्नौर में लैंड बैंक नहीं बना है। यहां पर लोगों के पास लैंड बहुत कम है। सरकारी भूमि पर पंचायतों का अधिकार है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि उपायुक्त किन्नौर जिला को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

पवारी में वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का काम शुरू

जिला किन्नौर के पवारी नामक स्थान पर 70 लाख रुपए की लागत से वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थपित करने का कार्य चल रहा है। इसके लिए आवश्यक मशीनें पहुंच रही हैं। अप्रैल के बाद प्रथम चरण में जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में डोर टू डोर कूड़ा एकत्रित करने का कार्य आरंभ किया जाएगा।

टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान

उपायुक्त ने जिला के भविष्य को लेकर टूरिज्म, स्वच्छता व क्वालिटी एजुकेशन पर ज्यादा फोकस किया। किन्नौर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिस पर कार्य आरंभ हो चुका है। किन्नौर में टूरिज्म की अपार संभावना है। संसाधनों के कमी के बावजूद हजारों विदेशी टूरिस्ट प्रति वर्ष किन्नौर आ रहे हैं। किन्नौर में टूरिज्म की अपार संभावनाओं को देखते हुए मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिस पर आगामी काम भी किया जा रहा है।

संदीप कुमार

स्वरोजगार अपनाने पर जोर

उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार ने युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए हैं। उपायुक्त ने ‘एक बूटा बेटी के नाम’ योजना शुरू कर प्रदेश में एक अनूठी पहल आरंभ की, जिसका प्रदेश सरकार ने भी अनुसरण किया….

कांगड़ा जिला के हर विधानसभा क्षेत्र में हेलिपैड बनाने के प्लान पर काम किया जा रहा है। यह कहना है   उपायुक्त संदीप कुमार का। उपायुक्त   ‘स्वरोजगार आपका अधिकार, विभाग आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन युवाओं को स्वरोजगार   से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।  इसके लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।  मार्च, 2018 में कांगड़ा जिला प्रशासन ने रोजगार की तलाश में भटक रहे जिला के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार की तरफ प्रोत्साहित करने के लिए नई पहल की है। जिला प्रशासन ने युवाओं को उनकी रुचि के अनुरूप स्वरोजगार के लिए प्रेरित एवं प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से ‘स्वरोजगार आपका अधिकार, विभाग आपके द्वार, डीसी से करें संवाद’ कार्यक्रम चलाया है। इसके तहत इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण देने के अलावा स्वरोजगार के लिए हर स्तर पर मदद की जा रही है। उपायुक्त के अनुसार कांगड़ा जिला प्रशासन ने स्कूलों एवं आंगनबाडि़यों में आदर्श व्यवस्था विकसित कर बच्चों के लिए शिक्षा का बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के मकसद के साथ एक नई मुहिम आरंभ की है। इसके तहत प्रशासनिक अधिकारियों सहित सभी उपमंडलाधिकारी अपने उपमंडलों में हर महीने कम से कम एक दिन किसी आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूल का औचक दौरा कर उनकी समस्याएं जानने और उनका समाधान सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं। उपायुक्त कांगड़ा ने फोरलेन पर चौराहों को ट्रैफिक लाइटयुक्त बनाने के लिए सुझाव दिए और उन्हें माना भी गया है। इसके अलावा बाइपास रोड के सर्वे में भी लोकहित के अनुरूप उपायुक्त के सुझाव के अनुसार बदलाव किए गए हैं।  उपायुक्त कांगड़ा का दावा है कि उन्होंने जिला भर के विभिन्न स्थानों एवं शैक्षिक संस्थानों में करीब 50 मैदान बनाने में सहयोग किया है। उपायुक्त कांगड़ा ने ‘एक बूटा बेटी के नाम’ मुहिम की शुरुआत की है।  इसके तहत अभिभावकों को बच्चियों के नाम पर अपने घर-आंगन में फलदार पौधे लगाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही इसमें उनका सहयोग भी किया जा रहा है। उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार ने 23 अगस्त, 2018 को कांगड़ा जिला के धर्मशाला के ठेहड़ गांव में बच्चियों एवं अभिभावकों को कटहल के बूटे भेंट कर इस मुहिम का शुभारंभ किया था।  इस मुहिम के तहत जिलाभर में पिछले तीन वर्षों में जन्मीं बच्चियों के अभिभावकों को अनार, कटहल, नींबू प्रजाति के पौधे, लीची और आम जैसे 26 हजार 584 पौधे निःशुल्क दिए गए हैं। हिमाचल सरकार ने ‘एक बूटा बेटी के नाम’ मुहिम को छह जनवरी, 2019 को पूरे प्रदेश में लागू किया।

तीन गोसदन बनाने की योजना

प्रशासन ने जिला में तीन गोसदन बनाने के लिए शुरुआती औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। डमटाल में मंदिर की करीब 500 कनाल जमीन पर गोसदन के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा जयसिंहपुर के कंगैण में 350 से 400 कनाल भूमि और ज्वालामुखी तहसील की ग्राम पंचायत सुधंगल में करीब 500 कनाल के रकबे पर गोसदन बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

  नादौन पुल पर लगाई रेलिंग

उपायुक्त के अनुसार जीवन से हताश लोगों द्वारा पुल से ब्यास में कूदकर आत्महत्या करने की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दृष्टि से प्रमुख पुलों पर फेंसिंग लगाने का काम किया गया है। नादौन में ब्यास नदी पर बने पुल की दोनों तरफ फेंसिंग की गई है। कांगड़ा जिला प्रशासन ने आईटीआई शाहपुर के सहयोग से इसकी पहल की है।

 ऋग्वेद ठाकुर बुजुर्गाें के लिए लाए संबल सरीखी योजना

आईएएस अधिकारी ऋग्वेद ठाकुर ने मंडी जिला के बुजुर्गों और स्कूल-कालेजों के छात्रों के लिए नई योजनाएं शुरू की हैं। जिला को साफ-सुथरा रखने बनाने के लिए उपायुक्त के प्रयास काबिलेतारीफ हैं। नारी शक्ति के उत्थान के लिए विशेष योजना लागू की गई है…

हिमाचल प्रदेश सत्ता में बदलने के बाद जिलाधीश मंडी की कुर्सी संभालने वाले आईएएस अधिकारी ऋग्वेद ठाकुर न सिर्फ मुख्यमंत्री के जिला को संभाल रहे हैं, बल्कि अपने नए कार्यक्रमों व नीतियों से अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हुए हैं। ऋग्वेद ठाकुर ने अपने कार्यकाल में कई अलग तरह के कार्यक्रम शुरू किए हैं।

प्रदेश सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों को लागू करने के साथ मंडी प्रशासन ने बुजुर्गों के लिए विशेष कार्यक्रम ‘संबल’ व युवाओं के लिए जूनियर-यूथ रेडक्रॉस लागू कर एक अलग शुरुआत की है। उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर की सोच से शुरू किया गया संबल कार्यक्रम पूरे प्रदेश में सिर्फ मंडी जिला में चला हुआ है। इस कार्यक्रम में जिला के दुर्गम क्षेत्रों व गांवों में रहने वाले बुजुर्गाें को उनके घर-द्वार स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं।

बीते वर्ष शुरू किए गए इस कार्यक्रम में मंडी प्रशासन अब तक 13 शिविरों का आयोजन कर चुका है। इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा 1357 बुजुर्गों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है। टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद डाक्टर के परामर्श पर रेडक्रॉस सोसायटी बुजुर्गों के घर जाकर उन्हें दवाई पहुंचाती है। यही नहीं, इस योजना में क्रिटीकल केयर मामलों में भी आठ बुजुर्गों का इलाज प्रशासन अपने खर्चे पर आईजीएमसी में भी करवा रहा है। इसी तरह मंडी प्रशासन ने स्कूलों में जूनियर-रेडक्रॉस व कालेजों में यूथ-रेडक्रॉस बनाने की मुहिम छेड़ी है। इसके तहत अब तक 197 यूनिट बनाई जा चुकी हैं। इसमें यूथ को जोड़ कर उनको सामाजिक सरोकारों, आपदा प्रबंधन, लीडरशिप क्वालिटी और अन्य बिंदुओं से रू-ब-रू करवाया जा रहा है। वहीं, मंडी प्रशासन पंचायतों तक जाकर ठोस कूड़ा कचरा प्रबंधन पर भी काम कर रहा है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अलावा मंडी प्रशासन ने स्त्री अभियान शुरू एक नया कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें आठ बिंदुओं पर प्रशासन का कर रहा है। प्रशासन के बेहतर कार्य के चलते अब बीते एक वर्ष में दो राष्ट्रीय अवार्ड जिला को मिल चुके हैं। कुलमिलाकर  छोटी काशी के नाम से विख्यात जिला मंडी के उपायुक्त ने जिला को शिखर पर पहुंचाने लिए अहम प्रयास किए है। उपायुक्त ऋग्वेद मंडी की मेहनत से जिला ने विकास की दिशा में लंबी छलांग लगाई है, जिसका आने वाले दिनों में  और फायदा मिलेगा।

मनरेगा में मंडी को बनाया नंबर वन

मंडी जिला मनरेगा में भी पिछले कई वर्षों से नंबर वन बना हुआ है। पूरे प्रदेश में मंडी जिला मनरेगा में सबसे अधिक बजट खर्च कर रहा है, लेकिन इस वर्ष मंडी जिला ने मनरेगा में एक और रिकार्ड बनाया है। उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर के नेतृत्व में मंडी जिला ने पूरे प्रदेश में सबसे पहले मनरेगा श्रम बजट को वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले ही खर्च कर लिया है। मंडी जिला इस वित्तीय वर्ष में अब तक 54.85 लाख कार्य दिवस अर्जित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। मंडी जिला में इस बार मनरेगा में 60 लाख कार्यदिवस अर्जित किए जाने की संभावना हैं। वहीं इस मंडी जिला मनरेगा में अब तक पूरे प्रदेश में सबसे अधिक 138 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर बजट खर्च किया जा चुका है तो लोगों को काम भी मिला होगा।

हर स्कूल में टायलट

मंडी जिला को संपूर्ण स्वच्छता को लेकर कई राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने हाथों से मंडी को सम्मानित कर चुके हैं। जिला को एक अवार्ड क्लीनेस स्कूल डिस्ट्रिक्क को लेकर भी मिला है। इंडिया टूडे ग्रुप द्वारा दिए गए अवार्ड के पीछे मंडी जिला के उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर की कड़ी मेहनत शामिल है। बीते वर्ष जिला का हर स्कूल शौचालय की सुविधा संपन्न हो गया है। उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने मंडी जिला का कार्यभार संभालते ही इसको लेकर गंभीर प्रयास शुरू कर दिए थे, इसमें उनके साथ ही मंडी जिला के अध्यापक भी बधाई के पात्र हैं।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में भी राष्ट्रीय पुरस्कार

भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रीय कार्यक्रमों और अभियानों को सफलतापूर्वक लागू करने और आम जनता तक पहुंचाने में मंडी जिला राष्ट्रीय स्तर पर हर बार खरा उतर रहा है। पूर्व सरकार में तीन वर्ष जिला के डीसी रहे आईएएस संदीप कदम के रहते मंडी जिला को पांच राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुए और इसी क्रम में नई सरकार बनते ही आईएएस अधिकारी ऋगवेद ठाकुर के नेतृत्व में एक वर्ष के कार्यकाल में दो राष्ट्रीय पुरस्कार जिला को मिले हैं। पहला अवार्ड उन्हें इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से ‘सफाईगिरी अवार्ड-2018’ के रूप में मिला, जबकि इसी क्रम में दूसरा इनाम अब भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के चार वर्ष पूरा होने पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर मंडी जिला को दिया गया है। बेटी बचाओ अभियान में इफेक्टिव कम्युनिटी एंगेजमेंट के तहत बेहतर परफार्मेंस के लिए सम्मानित किया गया है।


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