सैकड़ों परिवारों की छिन जाएगी रोजी-रोटी

कांगड़ा—जिला की  प्रमुख सब्जी मंडी कांगड़ा पर वीरभद्र मंदिर कमेटी द्वारा अधिकार जताने के बाद विवाद खड़ा हो गया है । दीगर  है मंडी के आढ़तियों को यहां से उठाने की नौबत आई, तो सैकड़ों परिवारों पर इसका असर पड़ सकता है । वैसे वीरभद्र मंदिर कमेटी के अध्यक्ष वेद शर्मा ने कृषि उपज मंडी समिति को हिदायत दे दी है कि इन कारोबारियों को कहीं और बसाया जाए और उनकी भूमि खाली की जाए। वीरभद्र मंदिर कमेटी का दावा है कि कृषि उपज मंडी समिति ने कमेटी की भूमि पर अवैध भवनों का निर्माण कर सब्जी मंडी स्थापित की है। हालांकि यह मंडी 1981 में निर्मित की गई थी लेकिन आज मौजूदा समय में इस मंडी को खाली करवाया जाता है, तो सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी पर बन सकती है । उल्लेखनीय है कि यहां करीब तीन दर्जन व्यापारी कारोबार कर रहे हैं उनके यहां मुनीम, लेबर व अन्य अपरोक्ष रूप से जुड़े लोगों को मिला कर  यह आंकड़ा 500 से ऊपर बैठता है । उल्लेखनीय है कि जिला की प्रथम मंडी का निर्माण वर्ष 1981 में इस स्थान पर किया गया था, जहां आज वीरभद्र मंदिर कमेटी दावा जता रही है । दीगर है वैध-अवैध निर्माण यहां होने से मौजूदा समय में यह मंडी सिकुड़ गई है। न तो यहां पार्किंग की कोई माकूल व्यवस्था है और न ही कोई सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं । जहां तक मंडी को स्थानांतरित करने की बात है, तो करीब एक दशक पूर्व वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में इस मंडी को कछियारी शिफ्ट करने की बात आई थी और बाकायदा भूमि का चयन भी कर लिया गया था।  एक करोड़ रुपए का प्रावधान भी बजट में किया गया था लेकिन धूमल सरकार आने के बाद यह मसला खटाई में चला गया । फिर दोबारा वीरभद्र सरकार आने के बाद  धर्मशाला  में बनी नई मंडी को ढगवार शिफ्ट करने की बात आई । तब मंडी बोर्ड के प्रबंध निदेशक ने कांगड़ा और धर्मशाला मंडी को मिलाकर  एक आधुनिक मंडी ढगवार में बनाने की बात कही थी और इसके लिए जिला के अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी किए थे । लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद ढगवार  में बनने वाली सब्जी मंडी के निर्माण की गति धीमी पड़ गई और दोनों मंडियों  को मिलाने का मसला भी खटाई में पड़ गया ।  धर्मशाला और कांगड़ा के आढ़ती  चाहते हैं कि इन दोनों मंडियों को इकट्ठा कर नियमों के अनुसार पुराने लाइसेंस धारियों को वहां बसाया  जाए और यह सुनिश्चित किया जाए की वहां न तो दुकानों को बढ़ाया जाएगा और न ही लाइसेंस बढ़ोतरी होगी ।

धड़ाधड़ मंडियाें से कारोबार मंदा

आढ़तियों का कहना है कि मौजूदा हालातों में व्यवसाय करना मुश्किल हो गया है इसलिए सरकार को भी बंद कमरे के अंदर अधिकारियों की सलाह के बजाय प्रैक्टिकल रूप से सर्वे कर वास्तविकता को समझ कर मंडियों का निर्माण करना चाहिए । उनका कहना है कि धड़ाधड़ मंडियां खुलने से कारोबार प्रभावित हुआ है । विवादित कांगड़ा सब्जी मंडी को धर्मशाला के साथ सम्मिलित कर धर्मशाला और कांगड़ा मंडी को इकट्ठा करने की पैरवी कांगड़ा और धर्मशाला के आढ़ती करते हैं ।

कांगड़ा सब्जी मंडी बाहर शिफ्ट हो 

आढ़ती एसोसिएशन कांगड़ा के प्रधान इंद्रजीत सिंह का कहना है कि मौजूदा हालातों में कांगड़ा मंडी को कहीं बाहर स्थापित करना ही सही विकल्प हो सकता है। वेद शर्मा धर्मशाला और कांगड़ा मंडी को इकट्ठा कर एक मंडी बनाने की वकालत करते हैं।