चप्पा-चप्पा खंगाला…कोई सुराग नहीं

त्रियूंड में लापता हुए दिल्ली के छात्र को तलाशने में पुलिस खाली हाथ, साथियों में हुई थी कहासुनी

धर्मशाला—धर्मशाला-मकलोडगंज की ट्रैकिंग साइट त्रियूंड के रास्ते वाटरफाल से गायब हुए दिल्ली के  छात्र का तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। सोमवार सुबह से गायब छात्र का बुधवार देर रात तक कोई पता नहीं लग पाया है। पुलिस जवानों सहित स्थानीय ट्रैकरों ने त्रियूंड  की पहाडि़यों का चप्पा-चप्पा छान लिया है, बावजूद इसके अब तक कहीं भी 20 वर्षीय हिमांशु आहूजा का कोई पता नहीं चल रहा है।  छात्र के माता-पिता दिल्ली से धर्मशाला पहुंच गए हैं, जो कि अपने बेटे के लिए सलामती की दुआ मांग रहे हैं। वहीं, बड़ी बात सामने निकलकर आ रही है कि छात्र की अपने ही साथियों से किसी बात को लेकर कहासुनी भी हुई थी, जो कि अब बड़े सवाल उठा रही है।

ट्रैकिंग पर बिना गाइड जाना खतरनाक

त्रियूंड की पहाडि़यों में इससे पहले भी कई दर्दनाक हादसे हो चुके हैं। ऐसे में एडवेंचर टूअर आपरेटर एसोसिएशन मकलोडगंज धर्मशाला भी खोए हुए पर्यटक की तलाश में जुट गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास नैहरिया, सीनियर एडवाइजर निलेश, उपाध्यक्ष नरेंद्र कपूर और बब्बू कुमार ने भी पुलिस के साथ खोज अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि लोकल ट्रैकर ने खड्डनाला, कालापड़, अपर वाटरफाल, धर्मकोट व लेटा माता मंदिर के आसपास क्षेत्रों में खोज की है। विकास ने बताया कि बिना गाइड जाना त्रियूंड की पहाडि़यों में बड़ा खतरा है।  त्रियूंड की पहाडि़यों में पहले भी कई सैलानी गायब हो चुके हैं।

पहले भी पहाडि़यों में कई हो चुके हैं लापता

त्रियूंड की पहाडि़यों में दिल्ली के छात्र के लापता होने का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी धौलाधार की खूबसूरत और आकर्षक दिखने वाली पहाडि़यों में कई पर्यटक बड़े हादसों के शिकार हो चुके हैं। इसमें वर्ष 2013 में त्रियूंड में गायब हुए फ्रांस के दो युवाओं का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया। इसके अलावा एडीटीवी के पत्रकार, फ्रांस के एक व्यक्ति और वर्ष 2018 में भी एक रशियन नागरिक धौलाधार नाग डल में गायब हुआ था।