जवानों की मदद को शिक्षण संस्थान सुस्त

By: Mar 12th, 2019 12:01 am

सैनिक कल्याण बोर्ड में जमा नहीं करवाई सशस्त्र सेना झंड दिवस की राशि

कांगड़ा – देश की सरहदों पर अपने प्राणों को दांव पर लगाने वाले जवानों की सहायता को जिला कांगड़ा के शिक्षण संस्थानों का रवैया ढुलमुल है। जवानों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मनाए जाने वाले सशस्त्र सेना झंडा दिवस की राशि को सैनिक  कल्याण बोर्ड में संस्थानों द्वारा जमा ही नहीं करवाया जा रहा है। जिला कांगड़ा में वर्ष 2013-14 से अभी तक इस राशि को जमा न करवाने वाले शिक्षण संस्थानों का आंकड़ा ही डेढ़ सौ से पार पहुंच चुका है। उपनिदेशक सैनिक कल्याण बोर्ड धर्मशाला द्वारा इस राशि को जमा करवाने के लिए शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय को भी लिखा गया है, परंतु शिक्षण संस्थानों का जवानों के वेलफेयर में खर्च होने वाली इस राशि की अदायगी में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष सात दिसंबर को देश भर में सशस्त्र सेना झंडा दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य देश की आम जनता से फंड इकट्ठा किया जाना है। इस फंड को वार में जान गंवाने वाले जवानों के परिवारों को आर्थिक मदद करने तथा सेवानिवृत्त व सेना में तैनात जवानों के वेलफेयर पर खर्च किया जाता है। शिक्षण संस्थानों में भी सशस्त्र सेना झंडा दिवस के उपलक्ष्य पर झंडी उपलब्ध करवाई जाती है। इस झंडी के विद्यार्थियों से कुछेक रुपए ही लिए जाते हैं। इन रुपयों को स्कूलों में एकत्रित करके इन्हें शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के माध्यम से सैनिक कल्याण बोर्ड को भेजा जाता है, लेकिन कांगड़ा में 2013 से अब तक इस फंड को शिक्षण संस्थानों द्वारा भेजा ही नहीं जा रहा है। इस फंड की अदायगी न किए जाने पर सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक कार्यालय द्वारा शिक्षा विभाग को पत्र भी लिखे जा रहे हैं, लेकिन अभी तक संस्थानों द्वारा न फंड और न ही झंडी बोर्ड के पास भेजी है। उधर, उपनिदेशक सैनिक कल्याण बोर्ड धर्मशाला रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर मनोज राणा ने बताया कि वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक सेना झंडा दिवस के तहत जिला कांगड़ा के स्कूलों को झंडी प्रदान की गई है। स्कूलों से न तो पैसे मिल पाए हैं और न ही झंडी वापस मिल पाई है। कई बार शिक्षा उपनिदेशक को भी इस बारे सूचित किया गया, लेकिन अब तक कोई रिस्पांस नहीं मिल पाया है।


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