नलवाड़ी मेला… 700 कलाकरांे ने मचाई धूम

बिलासपुर -मौलिक लोक संस्कृति प्राचीन युग की धरोहर है। इसमें प्राचीन लोक सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिंब परिलक्षित होता है। यह उदगार राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला के दौरान कहलूर लोकोत्सव में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए अपने संबोधन में सहायक आयुक्त उपायुक्त पूजा चौहान ने प्रकट किए। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष अधिक लोक कलाकारों ने कहलूर लोकोत्सव में अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए रुचि दिखाई है, जो एक सुखद अनुभूति है। उन्होंने कहा कि लोक कलाकारों को उचित मंच, मानदेय व सम्मान देने के लिए कहलूर लोकोत्सव सशक्त भूमिका का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेला के कहलूर लोकोत्सव में जिला भर के लोक कलाकारों का यह कुंभ निसंदेह एक अनुपम अनुभूति का अनुभव करवाता है, जो शायद ही अन्य किसी समारोह में देखने को मिलता हो। इस अवसर जिला भाषा अधिकारी नीलम चंदेल ने बताया कि कहलूर लोकोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शृंखला में 65 से भी अधिक सांस्कृतिक दलों व महिला मंडलों के 700 से भी अधिक लोक कलाकारों ने बिलासपुर लोक संगीत, लोक नृत्यों व लोक नाट्य तथा लोक गीतों की संतरगी छटा बिखेर कर आठ से भी अधिक घंटों तक दर्शकों को पंडाल में बांधे रखा। लोक नाट्य धाजा व लोक गायन गुग्गा जाहर पीर की प्रस्तुतियां तथा संस्कार गीतों से लोक कलाकारों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। प्राचीन वाद्य यंत्रों, मौलिक लोक गायन व पारंपारिक वेशभूषा से सुसज्जित लोक कलाकारों ने इस अवसर पर लोकोत्सव की गरिमा को बढ़ाने के लिए सशक्त एवं प्रभावी प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर महिला मंडल कोलका घंडीर, महिला मंडल धराड़सानी, लक्ष्मी बाई स्वयं सहायता समूह धनोह, महिला मंडल भटेड़ जगातखाना, महिला मंडल तुगड़ी, महिला मंडल औहर, जय जगदंबे स्वयं सहायता समूह (बडौटा) घुमारवीं,  रमेश चंद एंड पार्टी झंडूता, महिला मंडल रोहिणी खास, परसराम एंड पार्टी मार्कंड, महिला मंडल दयोली, एकता महिला मंडल भटेड़ ऋषिकेश, जाहरवीर स्वयं सहायता समूह गूगाघाट बड़ौटा,  महिला मंडल दयोथ के लोक कलाकारों ने लोक गायन एवं लोकनृत्य से दर्शकों को सम्मोहित करके घंटों पंडाल में तालियां बजाने को मजबूर किया।