पीजीआई में स्पीक इंडिया हेल्थ कॉनक्लेव

By: Mar 5th, 2019 12:01 am

चंडीगढ़ –पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) चंडीगढ़ के सहयोग से सोसायटी फॉर एथिकल एंड अफोर्डेबल हेल्थ केयर (स्पीक), एक गैर-लाभकारी एनजीओ, ने पीजीआई के एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर के ओडिटोरियम में स्पीक इंडिया हेल्थ कॉनक्लेव तथा अपने द्विवार्षिक पुरस्कार समारोह का आयोजन किया। इस स्वास्थ्य सम्मेलन की थीम थी- बेकार और अनैतिक चिकित्सा पद्धतियों पर खर्च में कमी।  इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अजय कुमार मित्तल ने स्पीक इंडिया के उत्कृष्टता पुरस्कार वितरित किए। इस मौके पर पहला सत्र प्रख्यात और वरिष्ठ डाक्टरों द्वारा प्रोटोकॉल के पालन के लिए समर्पित रहा। डा. एसके शर्मा, पूर्व निदेशक व एचओडी यूरोलॉजी पीजीआई ने कहा कि प्रोस्टेट वृद्धि के अधिकांश मामलों में, जो कि बुजुर्ग पुरुषों में एक आम समस्या है, सिर्फ  दवाओं एवं लेजर से इलाज किया जा सकता है। फोर्टिस के डा. टीएस महंत ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि दिल की पुरानी बीमारी के 90 प्रतिशत से अधिक मामलों में स्टेंटिंग या सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। नई दिल्ली से आये पद्मश्री डा. हर्ष कुमार ने कहा कि ग्लूकोमा के मामले में भी यही बात लागू होती है, यानी सर्जरी अंतिम उपाय होना चाहिए। डा. नीरज गुप्ता ने कहा कि जोड़ों के रिप्लेसमेंट में भी एक तिहाई मामले उपयुक्त नहीं होते हैं। पीजीआई के डा. टीएस ठाकुर ने कहा कि यदि स्वस्थ जीवन शैली का पालन किया जाए तो, विशेष रूप से मोटापे पर नियंत्रण पाकर, तो गैर-संचारी रोगों के कारण होने वाली अधिकांश मौतों से बचा जा सकता है। डा. विनय सखूजा ने एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान नैतिकता सिखाने की भूमिका पर जोर दिया, ताकि रोगियों को सस्ता इलाज दिया जा सके। मेदांता के डा. एसएस बैजल ने रेडियोलॉजी में गैर-जरूरी इंटरवेंशन से बचने की बात की और डा. एसके जिंदल ने जीवन के अंतिम समय में व्यर्थ की भारी-भरकम चिकित्सा देखभाल को लेकर चिंता व्यक्त की। दूसरे सत्र  में डा. आर कुमार, प्रेजिडेंट, स्पीक इंडिया ने वैलनेस पर जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने से ज्यादा एम्स या पीजीआई स्थापित करने की आवश्यकता ही नहीं रहेगी और इससे राष्ट्र का बहुत सारा पैसा बचाया जा सकेगा। डा. कुमार ने कहा कि सोसायटी ने देश भर में एक संदेश देने के लिए कि अगर हम चिकित्सा देखभाल को नैतिक बनाते हैं, तो देश एक स्वस्थ राष्ट्र बन सकेगा, प्रख्यात एवं नैतिक तरीके से प्रेक्टिस करने वाले डाक्टरों व अस्पतालों को सम्मानित भी किया।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App