प्राइवेट स्कूलोें की फीस का दें ब्यौरा
प्रदेश भर से आए दिन मिल रही शिकायतों पर शिक्षा विभाग के उपनिदेशकों को निर्देश
शिमला – हिमाचल के निजी स्कूलों में दाखिला शुरू होते ही फीस की लूट भी शुरू हो गई है। शिक्षा निदेशालय में सैकड़ों ऐसे निजी स्कूलों से शिकायतें आई हैं, जहां पर स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से दूसरी बार फीस वसूल रहे हैं। यही वजह है कि शिक्षा निदेशक ने गुरुवार को प्रदेश के निजी स्कूलों से एडमिशन, रि-एडमिशन और एनुअल चार्जेज का पूरा रिकार्ड तलब किया है। विभाग ने स्कूलों से क्लास वाइज फीस का शेड्यूल निदेशालय भेजने के निर्देश दिए है। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से जिलों को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं और उन्हें पांच मार्च तक यह सभी ब्यौरा निदेशालय भेजने को कहा गया है। इस दौरान निदेशक ने जिला उपनिदेशकों को निजी स्कूलों को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियम 2003 के भाग-1 के बारे में अवगत करवाने को कहा है। शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत का कहना है कि इस संबंध में विभाग को शिकायतें मिल रही हैं। इसके तहत निजी स्कूलों में हर साल रि-एडमिशन लेने का मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी कर उन स्कूलों से फीस का ब्यौरा मांगा गया है। विभाग ने तर्क दिया है कि प्रदेश के निजी स्कूल वन टाइम ही एडमिशन फीस ले सकते हैं। हर साल रि-एडमिशन नहीं ली जाएगी। इस दौरान विभाग ने स्कूलों से बीते वर्ष व इस साल का फीस का रिकार्ड मांगा है। ऐसे में यदि स्कूल विभाग को यह ब्यौरा देने में आनाकानी करते हैं, तो शिक्षा विभाग उनकी एओसी भी रद्द कर सकता है। गौर हो कि इससे पूर्व भी विभाग ने स्कूलों को यह निर्देश जारी किए थे, लेकिन प्रदेश के निजी स्कूल विभाग के आदेशों को नजरअंदाज कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने पहले भी यह तय किया था कि निजी स्कूल छात्रों से डोनेशन के नाम पर एक्स्ट्रा पैसे नहीं ले सकते। स्कूलों द्वारा ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएंगी। एक्स्ट्रा फीस लेने के मामले में प्रदेश के कई बड़े स्कूलों के नाम शामिल हैं। हालांकि शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि एक्स्ट्रा फीस लेने वाला कोई भी स्कूल बख्शा नहीं जाएगा।
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