फरवरी में घटा व्यापार घाटा

11 महीने में 13 फीसदी बढ़कर 93.32 अरब डालर पर, आयात के मुकाबले निर्यात अधिक

नई दिल्ली –देश का वस्तु एवं सेवाओं का कुल व्यापार घाटा पिछले 11 महीने के दौरान 13 फीसदी बढ़कर 93.32 अरब डालर पर पहुंच गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 82.46 अरब डालर पर था। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, इसमें यह साफ भी किया गया है कि आंकड़े अस्थायी हैं और रिजर्व बैंक के अंतिम आंकड़े आने के बाद इनमें बदलाव संभव है। शनिवार को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से फरवरी के 11 महीने में वस्तु एवं सेवाओं का कुल 483.98 अरब डालर का निर्यात किया गया। इस अवधि में वस्तु एवं सेवाओं का कुल आयात 577.31 अरब डालर का रहा। इस प्रकार कुल व्यापार घाटा 93.32 अरब डालर का रहा। इन 11 महीनों के दौरान वाणिज्यिक वस्तु का निर्यात जहां 298.47 अरब डालर का रहा, वहीं सेवाओं का 185.51 अरब डालर का निर्यात किया गया। मूल्य के लिहाज से एक साल पहले 11 महीने में किए गए सामान के निर्यात के मुकाबले इस साल 8.85 फीसदी अधिक वस्तुओं का निर्यात किया गया, जबकि सेवाओं के निर्यात में 8.54 फीसदी की वृद्धि रही। विज्ञप्ति के अनुसार आलोच्य अवधि में 464.00 अरब डालर के सामानों का आयात किया गया, जबकि सेवाओं का आयात आंकड़ा 113.31 अरब डालर रहा। कुल मिलाकर वस्तु एवं सेवाओं का 577.31 अरब डालर का आयात हुआ। वस्तुओं के आयात में इस दौरान 9.75 फीसदी, जबकि सेवाओं के आयात में 8.09 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। यदि केवल सेवाओं के व्यापार की बात की जाए, तो इसमें व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में है। पिछले 11 महीने के दौरान भारत ने आयात के मुकाबले 72.20 अरब डालर की अधिक सेवाओं का निर्यात किया, लेकिन वस्तुओं के व्यापार में 165.52 अरब डालर का घाटा होने की वजह से शुद्ध व्यापार घाटा 93.32 अरब डालर का रहा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेवा व्यापार के आंकड़े अभी अंतिम नहीं हैं। सेवा व्यापार के फरवरी के आंकड़े अनुमान के आधार पर जोड़े गए हैं, वहीं अक्तूबर से जनवरी तक के सेवा व्यापार के आंकड़े रिजर्व बैंक के अस्थायी आंकड़ों पर आधारित हैं। इस लिहाज से अप्रैल-फरवरी के सकल व्यापार घाटे के आंकड़ों में बदलाव भी हो सकता है।  अप्रैल से फरवरी 2018- 19 के दौरान पेट्रोलियम पदार्थों का कुल आयात 128.72 अरब डालर रहा।