ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण

By: Mar 30th, 2019 12:05 am

दरअसल दिमाग ही पूरे शरीर की कार्यप्रणाली को संचालित करता है, तो उसमें गड़बड़ी होने पर शरीर भी स्वस्थ तरीके से कार्य नहीं करता। भले ही ब्रेन ट्यूमर के कारण शरीर पर हानिकारक असर न हो, लेकिन फिर भी यह उसके प्रभाव से अनछुआ नहीं है। जब भी दिमाग में ट्यूमर होता है, तो उसके कारण शरीर में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं…

अमूमन लोग मानते हैं कि ब्रेन ट्यूमर सिर्फ  दिमाग को ही प्रभावित करता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। दरअसल दिमाग ही पूरे शरीर की कार्यप्रणाली को संचालित करता है, तो उसमें गड़बड़ी होने पर शरीर भी स्वस्थ तरीके से कार्य नहीं करता। भले ही ब्रेन ट्यूमर के कारण शरीर पर हानिकारक असर न हो, लेकिन फिर भी यह उसके प्रभाव से अनछुआ नहीं है। जब भी दिमाग में ट्यूमर होता है, तो उसके कारण शरीर में भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।

दौरे आना

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी व सीनियर कंसल्टेंट डा. जयदीप बंसल कहते हैं कि ब्रेन में ट्यूमर और शरीर पर उसके प्रभाव का आपस में गहरा नाता है।

जब व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर होता है, तो उसे अकसर दौरे आने लग जाते हैं। दरअसल ट्यूमर के कारण मस्तिष्क में इरिटेशन होती है, जो न्यूरॉन्स को बेकाबू करती है और आपके भीतर असामान्य हलचलें होती हैं। वैसे ट्यूमर की तरह ही दौरों के भी कई रूप देखने को मिलती है। जैसे पूरे शरीर या शरीर के किसी हिस्से या मस्सल्स में झटका या ऐंठन, बेहोशी सभी दौरे का ही एक रूप है।

सुन्न होना

ब्रेन ट्यूमर के कारण व्यक्ति के शरीर के विभिन्न हिस्से अधिकतर सुन्न हो जाते हैं। खासकर अगर ट्यूमर ब्रेन स्टेम पर विकसित होता है। यह वह स्थान है, जहां पर मस्तिष्क रीढ़ की हड्डी से जुड़ता है और यहां पर ट्यूमर पूरे शरीर में सुन्न होने का एहसास होता है।

लड़खड़ाना

अगर सेरीबेलम में ट्यूमर होता है, तो व्यक्ति को समन्वय में परेशानी होती है। सेरीबेलम में ट्यूमर होने पर व्यक्ति अकसर लड़खड़ाने लगता है। इसके कारण व्यक्ति को चलने में परेशानी से लेकर रोजमर्रा के कार्यों में भी परेशानी होती है। अगर ट्यूमर मस्तिष्क के बेसल गंैग्लिया हिस्से में होता है, तो इससे शरीर की असामान्य पोजीशन होती है।

दृष्टि संबंधी समस्याएं

वहीं अगर ट्यूमर मस्तिष्क के पिछले हिस्से या पिट्यूटरी ग्रंथि के आसपास है, तो इसका सीधा असर आपकी आंखों पर पड़ता है। इसके कारण व्यक्ति को धुंधला दिखाई देना या डबल दिखाई देना शुरू हो जाता है।

सुनने में परेशानी

जिन लोगों के ब्रेन में ट्यूमर कपाल तंत्रिका के करीब होता है, उनकी सुनने की क्षमता लगभग खो जाती है। इसके अतिरिक्त उन्हें बैलेंस करने में समस्या, चेहरे की मांसपेशियों का कमजोर होना व भोजन निगलने में भी समस्या होती है।

समझने में दिक्कत

ब्रेन ट्यूमर व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता को काफी हद तक प्रभावित करता है। ब्रेन के कुछ हिस्सों में ट्यूमर होने पर व्यक्ति को न सिर्फ  बोलने में, बल्कि उसे शब्दों को समझने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं मस्तिष्क के सामने के हिस्से में ट्यूमर व्यक्ति की सोच और व्यक्तित्व को विपरीत तरीके से प्रभावित करता है।

तेज सिरदर्द

ट्यूमर मस्तिष्क के चाहे किसी भी हिस्से में हो, यह खोपड़ी के भीतर दबाव उत्पन्न करता है। जिसके कारण व्यक्ति को तेज सिरदर्द से लेकर, जी मचलाना, उल्टी आदि की समस्या होती है। इतना ही नहीं, इसके कारण व्यक्ति को हमेशा सुस्ती आना या सोने में परेशानी होना जैसी दिक्कत होती है।


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