शिमला में वाइल्ड लाइफ फिल्म फेस्टिवल

शिमला—देश व दुनिया में जहां आज विश्व जल दिवस पर विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर मंथन किया जाता है। वहीं, शिमला में भी राज्य विज्ञान प्रोद्यौगिकी एवं पर्यावरण परिषद द्वारा दो दिवसीय पर्यावरण और वाइल्ड लाइफ फि़ल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें हिमकोस्ट के निदेशक डीसी राणा ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। फेस्टिवल में स्कूली बच्चों को पानी के सरंक्षण और पर्यावरण संबंधी 20 डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएंगी। दो दिन तक चलने वाले फेस्टिवल में स्कूली बच्चों के साथ पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर चर्चा के बाद समाधान भी ढूंढने के प्रयास किया जाएगा। फि़ल्म फ़ेस्टीवल का उद्देश्य जल संरक्षण का महत्व, साफ पीने योग्य जल का महत्व बताना है। शिमला में राज्य विज्ञान प्रोद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद के सदस्य सचिव डीसी राणा ने बताया कि जल दिवस पर शिमला के स्कूलों के 1600 बच्चों को 20 लघु फिल्में दिखाई जा रही हंै। दो दिन तक स्कूली बच्चों को पानी के संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के साथ ही वन संरक्षण पर भी फिल्में दिखाई जाएंगी जिससे वे भविष्य में अपनी जिंदगी में इसका सदुपयोग कर सकें। वहीं, फेस्टिवल में फि़ल्म आयोजित करने वाले  सीएमआरएस संस्था दिल्ली के ट्रस्टी नरेंद्र यादव ने बताया कि स्कूली बच्चों को जहां पर्यावरण, पानी और जलवायु परिवर्तन से होने वाली समस्याओं के बारे में बताया जाएगा। वहीं, इन समस्याओं के समाधान पर भी चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि देश का करीब 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सूखे की चपेट में आने वाला है। एक आंकलन के मुताबिक़ दुनिया में लगभग 400 करोड़ लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है, जिसमें 25 फीसदी भारतीय भी शामिल हैं। भारत देश में 1170 मिमी औसत बारिश होती है, लेकिन 6 फीसदी पानी को ही हम सुरक्षित रख पाते हैं। 1993 में 22 मार्च को पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था।