हम हड़ताल पर न जाते हो जाता 100 करोड़ का घोटाला : रोडवेज कर्मचारी

By: Mar 31st, 2019 5:23 pm

हिसार –  हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने आज दावा किया कि रोडवेज के 700 प्राइवेट बसें चलाने के फैसले के विरोध में पिछले साल वह 18 दिन की हड़ताल न करते तो 100 करोड़ रुपये का घोटाला हो जाता था। रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा के यहां जारी बयान के अनुसार तालमेल कमेटी ने पहले ही सरकार को अवगत करवा दिया था कि 700 प्राइवेट बसें चलाने के फैसले के तहत 510 बसों को 37 रुपए 10 पैसे के ऊंचे रेट के हिसाब से हायर करने के फैसले से एक बड़ा घोटाला हुआ है लेकिन रोडवेज विभाग के उच्चाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गुमराह किया कि इस फैसले से रोडवेज का फायदा होगा। श्री किरमारा ने कहा कि रोडवेज विभाग के उच्चाधिकारियों की मंशा को समझते हुए विभाग को घोटाले से बचाने के लिए रोडवेज कर्मचारियों ने 18 दिन तक हड़ताल की। इसके बाद परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के साथ तालमेल कमेटी की बातचीत हुई। बातचीत में प्रधान सचिव ने कहा कि बची हुई 190 बसों के ओपन टेंडर जारी किए जाएंगे और ओपन टेंडर में कम रेट आए तो 510 बसों के टेंडर रद्द कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव के इस कथन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी देखी जा सकती है। श्री किरमारा ने कहा कि तालमेल कमेटी ने परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों से मुख्यमंत्री से बात करवाने की अपील की थी, लेकिन बातचीत नहीं करवाई गई। उन्होंने दावा किया कि यदि मुख्यमंत्री से बातचीत हो जाती तो सच्चाई सामने आ जाती और हड़ताल की नौबत नहीं आती। श्री किरमारा ने कहा कि रोडवेज में इस ‘घोटाले‘ को अंजाम देने वाले रोडवेज विभाग के उच्चाधिकारियों व परिवहन मंत्री के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि रोडवेज कर्मचारियों पर एस्मा के तहत की गई कार्रवाई व बनाए गए केस वापस लिए जाएं।
श्री किरमारा ने कहा कि कर्मचारी हड़ताल नहीं करते तो उच्चाधिकारियों की तरफ से रोडवेज में एक बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया जाता। उन्होंने कहा कि रोडवेज की रोडवेज के उच्चाधिकारियों के कारण जहां आम जनता को 18 दिनों तक परेशानी उठानी पड़ी, सरकार की भी बदनामी हुई वहीं इसके कारण रोडवेज को भी घाटा हुआ। 


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