अमर्यादित भाषा से परहेज करें नेता

हमीरपुर —आजकल देश में लोकसभा चुनावों का प्रचार जोरों पर चला हुआ है। आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी जारी है, लेकिन देखने में यह भी आ रहा है कि कई बार नेता ऐसे बयान दे रहे हैं, जिन्हें जनता भी पसंद नहीं करती और वे भाषा की मर्यादा का भी उल्लंघन कर देते हैं। यह कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का। उन्होंने कहा कि राजनेता क्षणिक वाहवाही के लिए ऐसे बयान दे देते हैं, जिनके कारण राजनीतिक लाभ होने की अपेक्षा वातावरण खराब होता है और पार्टी को लाभ मिलने के बजाय नुकसान हो जाता है। धूमल ने कहा कि राजनीतिक दलों और नेताआें को एक-दूसरे को समझाने की अपेक्षा स्वयं आत्म संयम बरतना होगा और भाषा की मर्यादा का भी ध्यान रखना होगा। कुछ बुद्धिजीवी नोटा दबाने का प्रचार कर रहे हैं, तो कोई चुनाव बहिष्कार का।  प्रो. धूमल ने आग्रह किया है कि नोटा समस्या का समाधान नहीं है।