आईपीएच प्रमुख की तैनाती को सीएम आफिस भेजी फाइल

राज्य सरकार नवीन पुरी और राजेश बक्शी में से किसी एक की करेगी नियुक्ति

शिमला —आईपीएच विभाग के मुखिया की पोस्टिंग की फाइल सीएम आफिस भेजी गई है। चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ईं. नवीन पुरी और ईं. राजेश बक्शी में से किसी एक की नियुक्ति करेगी। दोनों ही अधिकारियों की चीफ इंजीनियर पद से ईएनसी के लिए डीपीसी हुई है। इस आधार पर इन दोनों में एक को आईपीएच विभाग का मुखिया तथा दूसरे को ईएनसी प्रोजेक्ट तैनाती दी जाएगी। जाहिर है कि मूल विभाग आईपीएच के ईएनसी का पद महत्त्वपूर्ण व प्रभावशाली है। इसके चलते राज्य सरकार आईपीएच डिपार्टमेंट में ईएनसी पद पर अपने करीबी अधिकारी की पोस्टिंग कर सकती है। माना जा रहा है कि इस पद की रेस में चीफ इंजीनियर मंडी ईं. नवीन पुरी का नाम आगे है। मुख्यमंत्री के गृह जिला में सेवाएं दे रहे ईं. पुरी आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह के भी भरोसेमंद अधिकारी हैं। हालांकि वरिष्ठता के आधार पर चीफ इंजीनियर धर्मशाला राजेश बक्शी भी विभाग के मुखिया के पद की रेस में बने हुए हैं। हालांकि सरकार उन्हें ईएनसी प्रोजेक्ट तैनात कर संतुलन बिठा सकती है। बताते चलें कि 31 मार्च, 2019 को ईएनसी प्रोजेक्ट केसी धीमान रिटायर हुए हैं। आईपीएच डिपार्टमेंट के ईएनसी ईं. सुमन विक्रांत 30 अप्रैल 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। राज्य सरकार ने एडवांस में ही दोनों चीफ इंजीनियर की डीपीसी कर चुनाव आयोग से इन पदों की पोस्टिंग के लिए अनुमति ले ली है।  चूंकि आईपीएच विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय से फाइल 1प्रूव करवाने से पहले मामला चुनाव आयेग को भेज दिया था। इस कारण आयोग की अनुमति आने के बाद अब पोस्टिंग की फाईल सीएम ऑफिस भेजी गई है। इसके तहत राज्य सरकार तय करेगी कि आईपीएच और प्रोजेक्ट्स में ईएनसी पद पर किसको नियुक्ति दी जाएगी।

पीडब्ल्यूडी में अभी इंतजार

सेवाविस्तार के फेर में फंसे लोक निर्माण विभाग ने प्रोमोशन के इंतजार में बैठे अफसरों की फाइल पर कुंडली मार दी है। आईपीएच ने ईएनसी पद के लिए एडवांस में डीपीसी करवा ली है। इसके विपरीत लोक निर्माण विभाग ने 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे ईएनसी आरपी वर्मा के स्थान पर नियुक्ति के लिए चीफ इंजीनियर की डीपीसी नहीं की है।

कार्मिक विभाग में फाइलें

चुनाव आयोग की फटकार के बाद सेवाविस्तार की फाइलें कार्मिक विभाग में लटक गई है। हालांकि अभी भी राज्य सरकार पर हिमुडा तथा लोक निर्माण विभाग के अफसरों के सेवाविस्तार के लिए दबाव बन रहा है। जाहिर है कि चुनाव आयोग ने हिमाचल के मुख्य चुनाव अधिकारी को दो टूक आदेश दिए हैं कि सेवाविस्तार के मामले आयोग को भेजने से परहेज किया जाए।