इन्वेस्टमेंट के नाम पर 18 लाख ठगे

By: Apr 24th, 2019 12:01 am

बीबीएन – नालागढ़ में पैसे इन्वेस्ट करवाने के नाम पर एक व्यक्ति से करीब 18 लाख की धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। शातिरों ने पहले पॉलिसी में पैसे लगवाए, फिर उसके बाद पैसे निकलवाने के नाम पर और धनराशि ऐंठ ली। 50 हजार रुपए ठगने से शुरू यह सिलसिला 18 लाख ठगने पर जाकर रुका। जब शिकायतकर्ता ने पैसे वापस मांगने शुरू किए, तो उसे मकौका के तहत फंसाने का डर यह कहकर दिखाया गया कि जिस कंपनी में उसने पैसे इन्वेस्ट किए हैं, वह कंपनी पाकिस्तान की है और आंतकवादियों को फंडिग करती है। अपने साथ हुई जालसाजी का पता लगने पर पीडि़त ने पुलिस थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई। नालागढ़ थाना पुलिस ने धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक पुलिस थाना नालागढ़ में हरिदास गौड़ (78) पुत्र नंदलाल गौड़ निवासी गांव रंगुवाल, राजपुरा नालागढ़ जिला सोलन ने अपने साथ हुई जालसाजी की शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस को दी शिकायत में हरिदास ने बताया कि इसने 26-10-2015 को पॉलिसी एजेंट राकेश ठाकुर के जरिए 50 हजार देकर एक पॉलिसी पीएनबी मैस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से ली थी। करीब तीन महीने बाद हरिदास ने जमा करवाया पैसा वापस करवाने को कहा। इसी कड़ी में इसकी सतनाम सिंह से बात करवाई गई व कहा गया कि कंपनी का मुनाफा काटकर अपने पैसे वापस ले लें। दो महीने बाद हरिदास को फिर फोन आया कि आपके पैसे पर 35000 मुनाफा लगा दिया है व पैसा तभी वापस होगा, जब किसी दूसरी कंपनी में निवेश दिखाओगे। इसके लिए शातिरों ने उसे तीन कपनियां कोटक महिंद्रा, एलीवेट सर्विस और एक अन्य के बारे में बताया। उन्होने कहा कि साल बाद दो प्रतिशत ब्याज के साथ पैसे वापस और फिर 20000 हजार रुपए ले लिए। उसके बाद सतनाम सिंह ने पॉलिसी की दस साल की मियाद को खुली मियाद में बदलने की बात कही। हरिदास को कहा गया कि पांच लाख रुपए जो दस साल में देने हैं, उसमें से कुछ एलीवेट के तहत कुछ मेरे वृद्ध आश्रम के तहत दे दो, जिस पर झांसे में आ चुके हरिदास ने एलीवेट सर्विस के तहत 175000 रुपए 26-05-2016 को जमा करवा दिए, जबकि बाकी किसी वृद्ध आश्रम के नाम पर शातिर सतनाम ने ले लिए। शिकायतकर्ता ने बताया कि थोड़े समय बाद सतनाम सिंह का देहांत हो गया। उसकी जगह आरबीआई से रिटायर रामलाल शर्मा साथ व शंकर लाल आए और जीएसटी भरने के लिए इससे  825000 रुपए स्पेस प्रोप मार्ट के नाम पर ले गए। पैसे एंठने के बाद हरिदास को कहा गया कि सतनाम सिंह ने एग्रीकल्चर के गलत पेपर बनवा दिए हैं, इन्हें दोबारा बनवाना पड़ेगा, इसके एवज में 150000 रुपए फिर ले लिए। शिकायतकर्ता ने बताया कि शातिरों ने उसे झांसे में फंसाकर करीब 18 लाख रुपए ले लिए। इनकी जालसाजी यही नहीं रुकी, उसके बाद हरिदास ने जब पैसे मांगने शुरू किए, तो धमकियों का सिलसिला शुरू हो गया।

पीएमओ से आदेश का हवाला देकर और लूटे

हरिदास ने कहा कि उसे धमकी दी गई कि आपने जो एलीवेट सर्विस में इन्वेस्टमेंट की हुई है, यह कंपनी पाकिस्तान में आतंकवादियों को फंडिंग करती है। पीडि़त हरिदास को कहा गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से आदेश आया है कि जिन्होंने इस कंपनी में पैसे लगाए हैं, उन सभी को क्राइम टीम उठाने आ रही है। अगर कहीं भागे तो मकौका लग जाएगा, शातिरों ने यहां भी जमानत के नाम पर 30 हजार ठग लिए। एएसपी बद्दी एनके शर्मा ने बताया कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।


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