एक साथ नाचे देवता कालीनाग-नारायण

By: Apr 17th, 2019 12:05 am

कुल्लू—तीर्थ स्थल से विख्यात मणिकर्ण घाटी के बुहाड़ में जब दो देवता कालीनाग और देवता नारायण एक साथ नाचे तो देखते ही माहौल भक्तिमय हो गया। देवरथों में विराजमान होकर दोनों देवताओं ने बुहाड़ में अपने परिसर में एक साथ नृत्य किया। इस देव नृत्य के साक्षी सैकड़ों लोग बने। देवता कालीनाग के सम्मान में दो दिवसीय बिरशू मेले को धूमधाम से मनाया गया। बिरशू मेले में मुख्य आकर्षण महिलाओं द्वारा देवताओं के समक्ष गाए देव गीत रहे। कसोल के देवता नारायण मेहमान देवता के रूप में विराजमान हुए। देव जौरे फूल देकर महिलाओं ने देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। बता दें कि मणिकर्ण घाटी में बैसाख संक्रांति से लेकर मेले शुरू हो गए हैं। जहां घाटी डढ़ेई में देवता सुननारायण, देवता मकाल, माता कैशना के सम्मान में संक्रांति के दिन एक दिवसीय बिरशू मेला मनाया गया। वहीं, बुहाड़ में देवता कालीनाग के सम्मान में दो दिवसीय बिरशू मेला मनाया गया। इस मेले में देवता कालीनाग और देवता नारायण का भव्य देव मिलन हुआ। मेले के दूसरे दिन देवता लाव लश्कर के साथ कशाधा गांव के लिए रवाना हुए। यहां पर देवता जौड़ा नारायण के सम्मान में मेला मनाया जाएगा। इसके अलावा जां गांव में देवता नमो नारायण के सम्मान में दो दिवसीय बिरशू मेला मनाया गया।


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