कैंसर अस्पताल को गामा कैमरा की सुविधा जल्द

शिमला —कैंसर अस्पताल में गामा कैमरा की सुविधा जल्द शुरू होने वाली है। सूचना है कि कैंसर अस्पतल मंे जल्द ही यह नई मशीन आने वाली है। देखा जाए तो अभी तक प्रदेश के मरीज़ांे की जान के साथ यह किसी खिलवाड़ से कम नहीं है कि वर्ष 2015 के बाद कैंसर अस्पताल मंे स्थापित गामा कैमरा मशीन को चलाने क ी समय सीमा अब खत्म हो गई है, लेकिन इस मशीन की खरीददारी प्रदेश सरकार अभी तक नहीं कर पाई है। अब सूचना है कि आचार संहिता समाप्त होने के बाद मशीन की खरीददारी करने का प्रस्ताव तैयार होने की सूचना है। अभी हैरानी तो यह है कि हिमाचल की सत्ता मंे आने वाली कोई भी सरकार कैंसर अस्पताल मंे स्थापित इस मशीन को शुरू करने मंे सफल नहीं हो पाई है। यह मशीन इतनी पुरानी हो गई है कि यदि इसकी जगह नई मशीन नहीं लगाई गई तो इससे मरीजा़ंे को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ सकता है। गौर हो कि इस मशीन से शरीर की बेहद गहनता से जांच की जाती है। इस मशीन पर खासतौर पर यह पता लगाया जाता है कि  शरीर का अंग कितना चल रहा है। जिसका पता एमआरआई और सिटी स्कैन से नहीं लग पाता है इसे गामा कैमरा टेस्ट से लगाया जा सकता है। इसमंे किडनी, लीवर, बोन आदि अंगांे की बारीकी से जांच की जाती है।

पैट सीटी स्कैन की मशीन भी नहीं

देखा जाए तो यही नहीं बल्कि कैंसर अस्पाल मंे पैट सीटी स्कै न की मशीन की सुविधा भी नहीं है। कैंसर अस्पताल की ओर से लगभग दस करोड़ की पैट सीटी स्कैन की मशीन को खरीदने के लिए कई बार प्रदेश सरकार को प्रस्ताव सौंप दिया गया है, लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा इसे अभी तक पास नहीं किया गया है। सत्ता मंे आई दोनांे सरकारांे ने इस ओर ज़रा भी ध्यान नहीं दिया है।

सरकार को कई बार भेजा गया प्रस्ताव

जानकारी के मुताबिक कैंसर अस्पताल की ओर से कई बार प्रदेश सरकार को प्रस्ताव सौंपा गया है। हालांकि डाक्टरांे का यह भी मानना है कि अस्पताल मंे गामा कैमरा को लगाने की उचित जगह है, जिसके लिए अब प्रदेश सरकार को इसे लेकर तेज़ी दिखानी होगी।