जलजनित रोगों से निपटने को शिमला तैयार

By: Apr 30th, 2019 12:05 am

शिमला —जलजनित रोगांे से निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद विभाग ने कमर कस ली है। प्रदेश के आयुर्वेदिक एवं अन्य अस्पतालांे मंे जलजनित रोगांे से निपटने के लिए डाक्टरांे के एक विशेष दल का गठन किया जाएगा, जिसमंे शिमला मंे इस बाबत तैयारी शुरू कर दी गई है। राज्य मंे जलजनित रोगांे पर समय रहते पकड़ जमाने के लिए आयुर्वेद और स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी की है, जिसमंे जनता को जहां साफ खान पान की हिदायतंे जारी की गई हंै वहीं सभी आयुर्वेद अस्पतालांे मंे जलजनित रोगांे के लिए जीवनरक्षक दवाआंे का पूरा स्टॉक रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। शिमला मंंे इस विषय पर बैठक भी आयोजित हुई है, जिसमंे दवाआंे और अन्य गतिविधियांे को लेकर चर्चा की गई है। विशेष कार्यक्रम अधिकारी आयुर्वेद डा. कर्मजीत शर्मा का कहना है कि सभी आयुर्वेदिक अस्पतालांे को कहा गया है कि अस्पतालांे मंे जीवनरक्षक घोल को रखा जाए। वहां पर एक विशेष टीम का गठन किया जाए, जो इन केसिज को प्राथमिक तौर पर देखें। देखा जाए तो प्रदेश के सभी जिलांे मंंे अब जलजनित रोगांे के मामले आने लगे हैं। प्रतिदिन प्रदेश के जिला और सिटी के अस्पतालांे मंे सौ से अधिक केस जलजनित रोगांे से प्रभावित होकर आ रहे हैं। शिमला मंे ही सोमवार को जलजनित प्रभावितांे के आंकड़ांे पर गौर करें तो 11 मामले जलजनित रोगांे के प्रभाव के आए हैं। अभी जो केस शिमला मंे आ रहे हैं उसमंे खराब खाने की वजह से ये लोग बीमार पड़े हैं। जानकारी के मुताबिक आईजीएमसी, डीडीयू और के एनएच मंे प्रभावितांे द्वारा इलाज करवाया जा रहा है। आंकड़ांे पर गौर करें तो राजधानी मंे अभी सबसे ज्यादा बच्चांे को डायरिया ने जकड़ लिया है। इन प्रभावित बच्चांे का डीडीयू और आईजीएमसी मंे इलाज करवाया गया है। लिहाजा डाक्टरांे द्वारा अपने खान-पान मंे स्वच्छता बरतने और विशेषतः बच्चांे के खान-पान पर विशेष ध्यान देने के निर्देश जारी किए गए हैं।


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